Power Crisis in Lucknow: बिजली कर्मियों की मनमानी, बोले- मुझे चिंता नहीं, जाओ कर दो ऊर्जा मंत्री से शिकायत
Power Crisis in Lucknow इंजीनियरिंग कॉलेज बिजली घर में बिजली कर्मियों की मनमानी। दोपहर दो बजे से देर रात तक रहा बिजली संकट।
लखनऊ, जेएनएन। Power Crisis in Lucknow: राजधानी लखनऊ में बिजली जाने के बाद अगर आप किसी बिजली घर में फोन करते हैं और पूछते हैं कि बिजली क्यों गई है और कितने बजे आएगी? आपके इन सवालों का जवाब तो मिलना दूर, आपके साथ वह कर्मचारी अभद्रता कर सकता है और आपने अगर किसी वरिष्ठ अभियंता या ऊर्जा मंत्री से शिकायत करने की बात की तो उसकी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।
इंजीनियरिंग कॉलेज बिजली घर के कर्मचारी बेलगाम हो गए हैं। वह कहते नहीं थकते कि आपको अगर ऊर्जा मंत्री से शिकायत करनी है तो कर दो, लेकिन बिजली कर्मचारी अपने हिसाब से ही काम करेंगे। यह हाल लखनऊ का है। हालांकि, पूरे मामले की जांच के निर्देश रहीमनगर के अधिशासी अभियंता डीकेडी द्विवेदी ने दिए हैं।
उधर, पुरनिया बिजली घर से पोषित 63 केवीए ट्रांसफार्मर में आग लग गई, इसके कारण पास में रखे 630 केवीए का ट्रांसफार्मर भी प्रभावित हुआ और दोपहर दो बजे गई बिजली देर रात आ सकी। इसके कारण अलीगंज सेक्टर एन व आसपास क्षेत्र में बिजली संकट रहा। जानकीपुरम सेक्टर एच के ब्राइट वे स्कूल के पास भवन संख्या 2/92 के आसपास स्थित दर्जनों मकानों में गुरुवार रात 12:20 बजे बिजली चली गई। स्थानीय उपभोक्ताओं ने जब बिजली घर फोन करके बिजली जाने का कारण पूछा गया तो संबंधित कर्मचारी ने कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया। यही नहीं कई बार फोन करने पर बताया गया कि टीम खाली होगी तो दिखवा लेंगे।
उपभोक्ता अजीत के मुताबिक रात 1:30 बजे तक कोई कर्मचारी नहीं भेजा गया। उपभोक्ता ने फिर फोन किया, लेकिन कर्मचारी के तेवर नरम नहीं पड़े, उल्टे जब उपभोक्ता ने कहा आपकी शिकायत करेंगे तो कर्मचारी ने ऊर्जा मंत्री से शिकायत करने की सलाह दे डाली। नसीहत देते हुए कहा कि तुम अकेले उपभोक्ता नहीं हो, कर्मचारी फाल्ट ठीक करने गए हैं, जब आएंगे तो भेज देंगे। उधर एसडीओ पुरनिया ने बताया कि देर शाम सात बजे के आसपास दूसरे ट्रांसफार्मर मंगलवा लिए गए थे।
लीड व अन्य उपकरण जल जाने के कारण बिजली व्यवस्था सामान्य करने में समय लगा है।बाक्सनाइट गैंग के नाम पर दो कर्मचारी रहते हैं उपकेंद्र परबिजली घरों में नाइट गैंग के नाम पर कई बिजली घरों में मानक पूरा नहीं है। कही दो कर्मचारी हैं तो कही तीन। ऐसे में अगर चार शिकायत संबंधित बिजली घर में आ जाए तो चौथे उपभोक्ता की समस्या दूर करने के लिए नाइट गैंग उपभोक्ता के घर सुबह पहुंचेंगे। यह हाल लखनऊ का है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिजली व्यवस्था कितनी बेहतर है।
क्या कहते हैं अधिशासी अभियंता?
रहीमनगर अधिशासी अभियंता डीकेडी द्विवेदी के मुताबिक, मैं नोडल अफसर हूं मेरी जिम्मेदारी है कि कर्मचारी उपभोक्ताओं से बेहतर आचरण करे। मैं पूरे मामले को दिखवाता हूं, जांच में मामला सही पाए जाने पर कार्रवाई होगी।