आलू की बंपर पैदावार के आसार, कीमतें घटने व भंडारण की समस्या से डरे किसान; काम आएगी यह सलाह
मौसम ने यूं ही साथ दिया तो उत्तर प्रदेश में इस सीजन में आलू की रिकॉर्ड पैदावार होने की संभावना है। इसके चलते आलू की कीमतें कम रहने और भंडारण की समस्या गहराने का डर किसानों को सता रहा है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। मौसम ने यूं ही साथ दिया तो उत्तर प्रदेश में इस सीजन में आलू की रिकॉर्ड पैदावार होने की संभावना है। इसके चलते आलू की कीमतें कम रहने और भंडारण की समस्या गहराने का डर किसानों को सता रहा है। बाजार में नया आलू आने से इसके दाम तेजी से गिरे हैं। करीब एक महीने पहले 50 रुपये प्रति किलोग्राम दर से बिकने वाला आलू इन दिनों 50 रुपये में तीन किलोग्राम मिल रहा है। आने वाले दिनों में आलू की कीमतों में और गिरावट संभव है।
उद्यान विभाग के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में इस साल लगभग 20 लाख हेक्टेयर अधिक भूमि में आलू की बोआई की गई है। पिछले साल वर्षा के कारण आलू खराब हुआ था, लेकिन इस बार मौसम अच्छा रहने के कारण फसल बहुत अच्छी है। 160 लाख मीट्रिक टन आलू उत्पादन होने का अनुमान है। आलू की पैदावार बढ़ने से उपभोक्ता को सस्ता आलू मिलेगा, लेकिन किसानों के लिए भंडारण की समस्या सिर दर्द बन सकती है।
आलू भंडारण के लिए एडवांस बुकिंग : उत्तर प्रदेश में कुल 1910 शीतगृह सक्रिय हैं, जिनकी भंडारण क्षमता करीब 155 लाख मीट्रिक टन है। इन शीतगृहों में आलू के अलावा फल, सब्जियां, मसाले, मेवा व मांस आदि अन्य उत्पाद भी भंडारित होते हैं। ऐसे में किसानों को आलू भंडारण की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए किसानों को समय रहते आलू भंडारण के लिए एडवांस बुकिंग की सलाह दी जा रही है।
अभी आलू का भंडारण संभव नहीं : आलू कारोबारी देवेंद्र सिंह बताते हैं कि अभी कच्चा आलू ही बाजार में आ रहा है। इसका भंडारण संभव नहीं है। किसान चारा आदि फसल की बोआई करने के लिए आलू की खोदाई में जुटे हैं। पिछले वर्ष दिसंबर माह में आलू 1400-1500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिका था, लेकिन इस बार 900-1000 रुपये का दाम ही मिल पा रहा है। किसान संजीव का कहना है कि गत वर्ष आलू महंगा रहने की वजह मौसम का खराब रहना था। इससे आलू के उत्पादन व उत्पादकता दोनों में कमी आयी थी। आलू कम रहने से जून से अक्टूबर माह तक आलू की कीमतों ने आसमान छुआ था। महंगा आलू होने के कारण किसानों ने इस बार बोआई क्षेत्रफल बढ़ा दिया है।
यूपी को एक नई पहचान दिलाने का प्रयास : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आलू के जरिए किसानों को लुभाने की योजना का खाका तैयार किया है। इसके लिए आलू का रिकॉर्ड उत्पादन कर यूपी को एक नई पहचान दिलाने का प्रयास शुरू किए गए हैं। यूपी में देश के कुल उत्पादन का 35 प्रतिशत आलू पैदा होता है। उद्यान विभाग के अनुसार योगी सरकार ने किसानों के अधिकतम हित में कई फैसले लिए हैं। इस बार उद्यान विभाग ने गांव-गांव जाकर किसानों को आलू की उन्नत खेती के तौर-तरीकों की जानकारी दी है। पिछले सीजन में बाजार भाव अच्छा रहने से किसानों ने आलू की खेती में रुचि भी ली। उम्मीद है कि इस बार भी सरकार और किसानों के समन्वित प्रयासों से बंपर पैदावार होगी।