Lucknow: पीएफआइ की साजिश में पर्दे के पीछे महिलाएं भी, नेशनल वीमेंस फ्रंट का नाम आया था सामने
Lucknow उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को उकसाने का काम करती थी एनडब्ल्यूएफ। पीएफआइ की सदस्य जैनब से एनआइए ने की थी पूछताछ। यूपी पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि महिलाओं को साजिश में शामिल कर उन्हें उकसाया जा रहा था।
लखनऊ, [ज्ञान बिहारी मिश्र]। पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के खिलाफ एनआइए, इंटेलीजेंस और एसटीएफ की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। लखनऊ से अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में सामने आया है कि पर्दे के पीछे से पीएफआइ के लिए महिलाएं भी साजिश में शामिल थीं। यूपी पुलिस ने हाथरस कांड में सबसे पहले महिलाओं की भूमिका का पता लगाया था। पूछताछ में सामने आया है कि ग्रामीण इलाकों अथवा कम पढ़ लिखी महिलाओं को साजिश में शामिल कर उन्हें उकसाया जा रहा था। इस संबंध में पुलिस जांच कर सुबूत एकत्र कर रही है।
एनडब्ल्यूएफ का नाम आया था सबसे पहले
पीएफआइ की सहयोगी शाखा नेशनल वीमेंस फ्रंट (एनडब्ल्यूएफ) की इसमें भूमिका थी, जिसकी जांच पुलिस और खूफिया एजेंसियां कर रही हैं। सबसे पहले महिलाओं को पीएफआइ से जोड़ने में इसी शाखा का नाम सामने आया था। एनआइए ने फ्रंट की पूर्व अध्यक्ष जैनब से पूछताछ भी की थी। जांच में यह बात भी सामने आई थी कि पीएफआइ मुसलमानों को जनसंख्या बढ़ाने के लिए उकसाता था। इसके लिए उसने गाेपनीय ढंग से पर्दे के पीछे से काम करने के लिए महिलाओं काे अपने साथ जोड़ना शुरू किया था। पुलिस इसके पुख्ता सुबूत एकत्र कर रही है।
सीएए व एनआरसी प्रदर्शन में भी महिलाओं को किया आगे
सूत्रों के मुताबिक सीएए व एनआरसी की आड़ में प्रदर्शन के दौरान हिंसा में भी महिलाओं को आगे किया गया था। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लखनऊ के परिवर्तन चौक पर महिलाओं की उपस्थिति थी। आगजनी और पथराव के दौरान अचानक महिलाएं वहां से हट गई थीं। यही नहीं घंटाघर पर भी लंबे समय तक महिलाओं ने प्रदर्शन किया था। पुलिस ने जांच में आशंका जाहिर की थी कि इसके पीछे भी पीएफआइ के सदस्यों की भूमिका थी और वह उन्हें मदद पहुंचा रहे थे।
उपद्रव में शामिल महिलाओं पर हुई थी कार्रवाई
उस दौरान लखनऊ पुलिस ने कुछ महिलाओं के खिलाफ उपद्रव में शामिल होने के आरोप में कार्रवाई भी की थी। दो दिन पहले बीकेटी में एसटीएफ की छापेमारी के दौरान कुछ महिलाओं ने स्वीकार किया था कि वह पीएफआइ की ओर से आयोजित बैठकों में शामिल होती थीं। अब खुफिया एजेंसियां पीएफआइ के लिए काम करने वाली महिला सदस्यों की भूमिका की जानकारी कर रही हैं। पीएफआइ पर प्रतिबंध के दौरान उसकी सहयोगी संस्था नेशनल वीमेंस फ्रंट का भी जिक्र किया गया है।