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सतर्क रहें, आजकल लखनऊ में बंद है 'दृष्टि' की नजर

तकनीकी दिक्कत से नहीं हो पा रही कैमरों से रिकॉर्डिंग। 300 कैमरों में 50 खराब नहीं मिल रही फुटेज।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 28 Feb 2019 01:57 PM (IST)Updated: Thu, 28 Feb 2019 01:57 PM (IST)
सतर्क रहें,  आजकल लखनऊ में बंद है 'दृष्टि' की नजर
सतर्क रहें, आजकल लखनऊ में बंद है 'दृष्टि' की नजर

लखनऊ, [शोभित मिश्र]। बेखौफ बदमाशों की इन दिनों मौज चल रही है। आखिर हो भी क्यो न, 'दृष्टि' की नजर जो बंद है। शहर के 70 प्रमुख स्थानों पर करीब 300 कैमरे लगे हैं। जिसमें से 50 खराब हैं तो कुछ बंद पड़े हैं। जो सही हैं, उनकी रिकॉर्डिंग न होने के चलते कंट्रोल रूम से लाइव मॉनीटरिंग तो की जा रही है, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं। इसके चलते बेखौफ बदमाश आए दिन वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। 

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'दृष्टि' कमजोर, खतरे में अस्तित्व 

राजधानी में समाजवादी पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दृष्टि कंट्रोल रूम का 12 अप्रैल 2015 को उद्घाटन किया था। अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट में 'स्मार्ट सिटी सर्विलांस सिस्टम दृष्टि' के तहत 300 कैमरे लगाए गए थे। तकनीकी दिक्कतों के चलते कंट्रोल रूम में कैमरों की रिकॉर्डिंग ही नहीं हो पा रही है। कैमरों में अपराधी कैद न होने से इसका अस्तित्व फिलहाल खतरे में है। जिससे अफसरों में हड़कंप मचा है। 

कैमरों से अभियान की भी होती है मॉनीटरिंग 

कंट्रोल रूम में अधिकारी बैठकर समय-समय पर पूरे शहर की पुलिस के साथ यातायात व्यवस्था की भी मॉनीटरिंग करते हैं। सीसी कैमरों की रिकॉर्डिंग न होने व 50 से अधिक कैमरे खराब होने से सबसे बड़ा नुकसान राजधानी पुलिस का ही है। बता दें, गोमतीनगर के विपिनखंड स्थित चीनी निगम की बिल्डिंग में संचालित दृष्टि के कंट्रोल रूम की फुटेज से कई बार पुलिस ने अपराधियों को चिह्नित कर गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। पिछले वर्ष राजभवन के सामने लूट और हत्या का आरोपित कैमरे की फुटेज से ही चिह्नित करके पकड़ा गया था।

क्या कहते हैं अफसर ? 

विधानसभा एएसपी सर्वेश मिश्र का कहना है कि तकनीकी दिक्कत के चलते रिकॉर्डिंग नहीं हो पा रही है, कुछ जगह कैमरे खराब हैं। सिस्टम सही कराने की दिशा में प्रयास चल रहा है, जल्द ही सब ठीक हो जाएगा। 

रिकॉर्डिंग फेल, 'दृष्टि' कमजोर 

केस-1

17 फरवरी को आइटी चौराहे के पास रामकृष्ण मठ के सामने मुन्नू सिंह (65) को एक कार सवार ने कुचल दिया। घरवाले पुलिस के साथ कैमरे से फुटेज निकलवाने के लिए कंट्रोल रूम गए, रिकार्डिंग न होने से फुटेज ही नहीं मिल पाई। 

केस-2

बीते दिनों हजरतगंज स्थित मीराबाई मार्ग पर एक युवक का मोबाइल फोन लूट लिया गया। पुलिस ने दृष्टि के कंट्रोल रूम से फुटेज लेने का प्रयास किया, लेकिन रिकॉर्डिंग फेल होने से फुटेज ही नहीं मिल सकी।


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