संस्कृति हत्याकाड: 26 दिन बीत गए सिर्फ एक अरेस्ट, बिहार गई पुलिस टीम के नहीं लगा कोई सुराग हाथ
22 जून को छात्रा का शव मड़ियाव थाना क्षेत्र स्थित घैला पुल के पास मिला। संस्कृति राय हत्याकाड में पुलिस 26 दिनों में सिर्फ एक बदमाश को कर सकी अरेस्ट। तीन अभी भी फरार।
लखनऊ(जागरण संवाददाता)। पॉलीटेक्निक की छात्रा संस्कृति राय हत्याकाड में पुलिस 26 दिनों में सिर्फ एक बदमाश को गिरफ्तार कर सकी है, अन्य तीनों फरार बदमाशों को पकड़ना तो दूर की बात अभी उनका सुराग तक नहीं लग सका है। इसके अतिरिक्त संस्कृति के मोबाइल फोन और पर्स का भी पता नहीं चल सका है। फरार बदमाशों की तलाश में हवाई जहाज से बिहार भेजी गई पुलिस टीम को भी कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी है।
एएसपी ट्रासगोमती हरेंद्र कुमार के मुताबिक फरार बदमाशों की तलाश की जा रही है। तीनों फरार बदमाशों को पकड़ने के लिए दर्जनभर संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। अभी संस्कृति का मोबाइल फोन और पर्स का पता नहीं चल सका है। गौरतलब है कि बलिया के भगवानपुर गाव निवासी अधिवक्ता उमेश कुमार राय की बेटी संस्कृति का पिछले साल पॉलीटेक्निक में दाखिला हुआ था, वह सालभर हॉस्टल में ही रही। दूसरे साल हॉस्टल नहीं मिला तो उसने इंदिरानगर सेक्टर नौ में किराए से कमरा ले लिया। 21 जून की रात छात्रा को अपनी चंदौली निवासी सहेली के साथ ट्रेन से घर जाना था। रात आठ बजे छात्र की मा ने उसे फोन मिलाया, जिस पर उसने कहा कि घर के लिए आ रही हूं, तैयार हो रही हूं, बाद में कॉल करती हूं। रात नौ बजे के करीब सहेली ट्रेन पकड़ने के लिए बादशाहनगर स्टेशन पहुंची। साथी छात्र के स्टेशन पर न पहुंचने पर वह करीब साढ़े नौ बजे अकेले ही ट्रेन से चली गई। 22 जून को गाजीपुर थाने में संस्कृति की गुमशुदगी दर्ज कराई गई। 12 बजे के करीब छात्रा का शव मड़ियाव थाना क्षेत्र स्थित घैला पुल के पास मिला। संदिग्धों का नाकरे कराने से पीछे हटी पुलिस:
पुलिस संस्कृति हत्याकाड में जिन तीन संदिग्ध युवकों का नाकरे और ब्रेन मैपिंग कराने की बात कह रही थी, अब एक बदमाश के पकड़े जाने के बाद अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। एएसपी ट्रासगोमती का कहना है कि अब नाकरे और ब्रेन मैपिंग कराने पर विचार किया जा रहा है।