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आउटर रिंग रोड पर ग्रहण, नहीं मिला पर्यावरण का NOC

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के आवेदन को किया निरस्त। गृहमंत्री ने की जानकारी, उप मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट तलब की, छह माह से लंबित था आवेदन।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 11:16 AM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 07:09 PM (IST)
आउटर रिंग रोड पर ग्रहण, नहीं मिला पर्यावरण का NOC
आउटर रिंग रोड पर ग्रहण, नहीं मिला पर्यावरण का NOC

लखनऊ, [अजय श्रीवास्तव]। राजधानी के आउटर रिंग रोड के एक भाग के निर्माण के लिए पर्यावरण की सहमति नहीं मिल पाई है। प्राथमिकता वाली इस परियोजना में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पर्यावरण का अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से मना कर दिया है। बोर्ड ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की तरफ से अनुमति मांगने के आवेदन पत्र को खारिज कर दिया है। यह अनुमति बक्शी का तालाब के पास निर्माण सामग्री का प्लांट लगाने के लिए मांगी गई थी। छह माह से यह मामला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास लटका था। 

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इससे आउटर रिंग रोड के भविष्य पर ग्रहण लगने से हड़कंप मचा हुआ है, जबकि दिसंबर 2019 तक आउटर रिंग रोड का कार्य पूरा होना है। दो दिन पहले गृहमंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह की तरफ से उनके सचिव को भी इसमें दखल करनी पड़ गई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से अनापत्ति प्रमाण पत्र न मिलने से लखनऊ की इस महात्वाकांक्षी परियोजना का काम आगे न बढऩे पर उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने बोर्ड के सदस्य सचिव आशीष तिवारी से बात की तो वे भी इस जानकारी से अनभिज्ञ थे। बाद में उन्होंने उप मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल अफसर ने अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के आवेदन को निरस्त कर दिया है। बताया जा रहा है कि अगर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से पर्यावरण को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिला तो आउटर रिंग रोड के निर्माण पर ग्रहण लग सकता है। अनापत्ति प्रमाण पत्र न मिलने से काम भी ठप है।

क्या कहते हैं अफसर  ?

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव आशीष तिवारी के मुताबिेक, आउटर रिंग रोड के निर्माण के लिए बक्शी का तालाब के पास निर्माण सामग्री का प्लांट लगाने के लिए पर्यावरण सहमति का अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा गया था लेकिन कागजात पूरे न होने के कारण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लखनऊ के रीजनल अफसर ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के आवेदन पत्र को निरस्त कर दिया था। अब फिर से पत्रावली को देखा जा रहा है और कागजात पूरा कराने के बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा। 

ये भी जानें

  • प्रस्तावित आउटर रिंग रोड की लंबाई 105 किमी है और इस पर करीब पांच हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है
  • दिसंबर 2019 तक पूरा करना है काम 

ये मार्ग जुड़ेंगे 

  • फैजाबाद रोड, कुर्सी रोड, बक्शी का तालाब, हरदोई रोड, मोहान रोड, कानपुर रोड, रायबरेली रोड, सुल्तानपुर रोड, फैजाबाद रोड 

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