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Robbery in Lucknow: इंजीनियर के घर के बाहर गश्त कर रही थी पुलिस, भीतर हो गई लूटपाट

बाथरूम में बंद बेटी दरवाजा तोड़कर निकली बाहर मां को कराया मुक्त। क्राइम ब्रांच और सर्विलांस की पांच टीमें गठित सीसी फुटेज खंगाल रही पुलिस। योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की पत्नी निशा ने बताया कि डकैतों ने उनकी बेटी जीनिया को बाथरूम में बंद कर दिया था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 07:56 PM (IST)Updated: Thu, 24 Dec 2020 07:48 AM (IST)
Robbery in Lucknow: इंजीनियर के घर के बाहर गश्त कर रही थी पुलिस, भीतर हो गई लूटपाट
इंजीनियर की पत्नी और बेटी को बंधक बनाकर डकैती डालने का मामला।

लखनऊ, जेेेेेेएनएन। शहर में हर वर्ष ठंड के मौसम में डकैत सक्रिय हो जाते हैं। इस वर्ष भी कोहरा शुरू होते ही डकैतों ने लखनऊ में दस्तक दे दी है। डकैतों ने मंगलवार देर रात इंजीनियर योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव के घर में धावा बोल दिया। खास बात यह है कि जिस समय डकैत घर के भीतर लूटपाट कर रहे थे, उस दौरान पॉलीगन पर तैनात पुलिसकर्मी विराज खंड में सायरन बजाते हुए गश्त के नाम पर खानापूर्ति कर रहे थे। चार वर्ष पहले विराज खंड में ही तत्कालीन डीएफओ के घर में डकैतों ने डाका डाला था। तब भी पुलिस ऐसे ही गश्त कर रही थी। योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की पत्नी निशा ने बताया कि डकैतों ने उनकी बेटी जीनिया को बाथरूम में बंद कर दिया था। निशा दूसरे कमरे में बंधक बनाई गई थीं। सुबह होने पर बेटी ने अपने हाथ पैर में बंधी चादर को खोला और बाथरूम का दरवाजा तोड़कर बाहर निकली। इसके बाद उन्हें बंधन मुक्त कराया। पुलिस का कहना है कि घटना के काफी देर बाद उन्हें सूचना मिली थी। निशा ने सुबह सवा आठ बजे पुलिस को सूचना दी थी। वारदात के राजफाश के लिए क्राइम ब्रांच और सर्विलांस की पांच टीमें गठित की गई हैं। पुलिस की एक टीम आसपास के मकानों में लगे सीसी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है।

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कुछ दूरी पर है पुलिस चौकी

योगेंद्र के मकान से कुछ दूरी पर पुलिस चौकी भी है, जहां पुलिसकर्मी हमेशा मौजूद रहते हैं। इसके बावजूद भी किसी को डकैतों के आने व जाने की जानकारी नहीं हुई। योगेंद्र बेटे के साथ देर शाम घर पहुंचे। इस बीच पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने पीडि़त परिवार से मुलाकात की और उन्हें जल्द से जल्द वारदात का राजफाश करने का आश्वासन दिया। पुलिस कुछ दिन पहले चिनहट में हुई लूटपाट को भी इस घटना से जोड़कर देख रही है। पुलिस का कहना है कि दोनों ही घटनाओं में काफी समानताएं हैं। हालांकि इस वारदात को किस गिरोह ने अंजाम दिया है, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है।

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संदिग्ध के नाम पर देर रात होती है जांच

पुलिस रात में आने जाने वाले लोगों की जांच करती है। जांच के नाम पर देर रात में काम खत्म कर कार्यालय से निकलने वाले लोगों को भी इसका सामना करना पड़ता है। हर रोज लोग अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर तथा कहां से आ रहे हैं और कहां जा रहे हैं, इसकी सूचना पुलिसकर्मियों को दर्ज कराते हैं। इससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। तमाम सक्रियता के बावजूद भी पुलिस को डकैतों के आने की जानकारी नहीं हुई।  


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