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IAS के फ्लैट में चोरी: लखनऊ की पुलिस चोरों से हारी, अंतिम रिपोर्ट लगाने की तैयारी

सीएसआइ टॉवर में आइएएस के फ्लैट में हुई चोरी का मामला, टॉवर में तीन बार पहले भी हुई थी चोरिंया, लगा दी थी फाइनल रिपोर्ट।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 11:07 AM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 11:07 AM (IST)
IAS के फ्लैट में चोरी: लखनऊ की पुलिस चोरों से हारी, अंतिम रिपोर्ट लगाने की तैयारी
IAS के फ्लैट में चोरी: लखनऊ की पुलिस चोरों से हारी, अंतिम रिपोर्ट लगाने की तैयारी

लखनऊ[ज्ञान बिहारी मिश्र]। वीआइपी कॉलोनी सीएसआइ टॉवर में प्रमुख सचिव राजनीतिक पेंशन विभाग राजन शुक्ला के फ्लैट में हुई चोरी के मामले में पुलिस अंतिम रिपोर्ट लगाने की तैयारी में है। आपको जानकर हैरानी होगी कि बेहद सुरक्षित माने जाने वाले सीएसआइ टॉवर में तीन बार पहले भी चोरियां हो चुकी हैं। खास बात यह है कि इन तीनों मामलों में पुलिस ने कार्रवाई के बजाय अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी।

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केस-1

18 नवंबर 2016 को सीएसआइ टॉवर में बी 403 निवासी उपभोक्ता फोरम में न्यायिक सदस्य राजर्षि शुक्ला के फ्लैट से चोरों ने टीवी, म्यूजिक सिस्टम और अन्य कीमती सामान पार कर दिया था। पीड़ित परिवार समेत 27 सितंबर को बाहर गए थे। 18 नवंबर को लौटे तो उन्हें मामले की जानकारी हुई थी। इस मामले में पुलिस चोरों को नहीं पकड़ सकी और फाइनल रिपोर्ट लगाकर पल्ला झाड़ लिया था।

केस-2

13 मई 2017 को बी-901 सीएसआइ टॉवर निवासी आइएएस मनीषा त्रिगाटिया के आवास से टीवी, म्यूजिक सिस्टम, सजावट के सामान समेत कीमती सामग्री चोरी हुई थी। इस मामले में पड़ोसी विकास गोठवाल ने एफआइआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने छानबीन की और फाइल को ठंडे बस्ते में डालने के बाद अंतिम रिपोर्ट लगा दी।

केस-3

23 जनवरी 2018 को बी-106 सीएसआइ टॉवर निवासी आइएएस विशाल चौहान के आवास से चोर आलमारी का ताला तोड़कर कीमती आभूषण चोरी कर ले गए थे। अज्ञात में एफआइआर दर्ज हुई थी। 10 माह बाद भी पुलिस चोरों का पता तक नहीं लगा सकी। ऐसे में उसने फाइनल रिपोर्ट लगा दी।

केस-4

10 अक्टूबर 2018 को आइएएस राजन शुक्ला के फ्लैट का ताला तोड़कर चोरों ने कीमती सामान पार कर दिया। चोर न्यायिक सदस्य का लाइसेंसी असलहा भी चुरा ले गए थे। घटना के एक माह बाद भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। 

एक ही विवेचक ने की विवेचना

पूर्व में हुई चोरी की तीनों घटनाओं की विवेचना गोमतीनगर थाने के दारोगा कृष्ण बली सिंह ने ही की थी। वहीं 10 अक्टूबर को हुई चोरी के मामले की विवेचना इंस्पेक्टर गोमतीनगर त्रिलोकी सिंह कर रहे हैं। उनके हाथ भी अब तक कोई सुराग नहीं लग सका है।


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