लखनऊ में पुलिस का जरायम से रहा है पुराना नाता
घटनाओं में दोषी पुलिसकर्मियों को भेजना चाहिए जेल।
लखनऊ, [शोभित मिश्र]। राजधानी पुलिस और जरायम का पुराना नाता रहा है। खाकी और बदमाशों के गठजोड़ ने कई बार पुलिस विभाग की छवि धूमिल की, लेकिन ऐसे पुलिसकर्मियों के लिए अफसर ही ढाल बन गए। इसी कारण लुटेरे पुलिसकर्मियों के हौसले बढ़ते गए। अगर पूर्व की घटनाओं में लुटेरे पुलिसकर्मियों पर सख्ती से कार्रवाई की जाती तो यह नौबत भी न आती। ओमेक्स रेजीडेंसी में कोयला व्यवसायी के फ्लैट में डकैती के मामले में एक बार फिर लुटेरे पुलिसकर्मी बेनकाब हुए।
हालांकि इस बार तत्काल तीन आरोपित पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी करके एसएसपी कलानिधि नैथानी ने मिसाल पेश की। एसएसपी ने यह भी बताया कि इस तरह के कई पुलिसकर्मी जुआ अड्डों पर छापेमारी करके आधी धनराशि गायब कर देते हैं, ठीक उसी तरह ओमेक्स रेजीडेंसी में कोयला व्यवसायी के वहां छापेमारी करके धनराशि उड़ा दी थी।
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह का कहना है कि निश्चित तौर से पूर्व की घटनाओं में सख्त कार्रवाई न होने से लुटेरे पुलिसकर्मियों के हौसले इसकदर बढ़ गए हैं कि वह खुलेआम डकैती की घटनाओं को भी अंजाम दे रहे हैं। एसएसपी कलानिधि नैथानी को पूर्व की घटनाओं की फाइलों को अपनी टेबल पर रखकर दोषी पुलिसकर्मियों को जेल भेजना चाहिए। ऐसे पुलिसकर्मियों की सिर्फ गिरफ्तारी न हो बल्कि उनपर गैंगेस्टर एक्ट, रासुका समेत अन्य कार्रवाई भी की जाए।
केस-1
एक फरवरी 2017 को जेल में बंद शातिर बदमाश अकील ने पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से दो शूटरों से श्रवण साहू की हत्या करा दी थी। इस मामले में तीन पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी के साथ अन्य पर निलंबन व लाइन हाजिर की कार्रवाई हुई। 14 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा भी दर्ज हुआ। लेकिन अभी तक एक भी पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
केस-2
29 सितंबर 2018 को गोमतीनगर स्थित सरयू अपार्टमेंट के पास गाड़ी न रोकने पर सिपाहियों ने एपल कंपनी के मैनेजर विवेक तिवारी (38) की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनके साथ महिला सहकर्मी सना खान भी मौजूद थीं। घटना से राजधानी पुलिस की खूब किरकिरी हुई थी। इस मामले में गोमतीनगर थाने में तैनात सिपाही प्रशांत और संदीप पर रिपोर्ट हुई थी।
केस-3
वर्ष 2014 गुडंबा थाना क्षेत्र स्थित एक गुटखा फैक्ट्री के कर्मचारियों को बंधक बनाकर लाखों रुपये के लूटपाट के मामले में क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मियों की मिलीभगत पाई गई थी। छापेमारी का भय दिखाकर पुलिसकर्मियों ने लूटपाट की थी। इसके बावजूद न तो उनपर कोई कार्रवाई हुई और न ही गिरफ्तारी। इसके अलावा भी समय समय पर पुलिस की मनमानी की खबरें आती रही हैं।
क्या कहते हैं एसएसपी ?
एसएसपी कलानिधि नैथानी का कहना है कि पूर्व की घटनाओं पर मुङो कोई टिप्पणी नहीं करनी। मेरे कार्यकाल में अगर कोई भी पुलिसकर्मी गलत कार्य करेगा तो उसकी जगह जेल में होगी। कोयला व्यवसायी के वहां घटना को अंजाम देने में दो दारोगाओं की गिरफ्तारी करके उन्हें जेल भेजा जा रहा है, अन्य फरार आरोपितों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।