मुरादाबाद मंडल का कोई अपराधी पुलिस की मोस्टवांटेड सूची में नहीं
प्रदेश में भाजपा की सरकार बने एक साल तीन महीने हो चुके हैं। इस अवधि में सरकार ने प्रदेश को अपराध और अपराधियों से मुक्त कराने के लिए काफी काम किया।
अमरोहा (आसिफ अली)। प्रदेश में भाजपा की सरकार बने एक साल तीन महीने हो चुके हैं। इस अवधि में सरकार ने प्रदेश को अपराध और अपराधियों से मुक्त कराने के लिए काफी काम किया। नतीजतन मुरादाबाद मंडल का कोई अपराधी पुलिस की मोस्टवांटेड सूची में नहीं है। अमरोहा एसपी सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि अमरोहा जिले में कोई वांटेड आपराधी नहीं है। बल्कि पुलिस कार्रवाई के डर से मुरादाबाद मंडल में कोई मोस्टवांटेड अपराधी नहीं बचा। अपराधी दूसरे जिलों में शरण ले रहे हैं। अन्य जिलों के अपराधियों के अमरोहा में शरण लेने के मामले में पूरी सतर्कता बरती जा रही है। सभी थानाध्यक्षों को अलर्ट किया जा चुका है। किसी स्तर पर कोताही नहीं बरती जाएगी।
यूपी पुलिस ने ढेर कर दिए 62 बदमाश
उल्लेखनीय है है कि अपराधियों के खिलाफ जब पुलिस ने फ्रंटफुट पर आकर बुलेट गेम खेला। नतीजतन प्रदेश में 62 बदमाशों को मौत की नींद सुला दिया गया। जनता ने राहत की सांस ली, लेकिन पुलिस को अभी राहत नहीं मिली है। क्योंकि प्रदेश में 23 मोस्टवांटेड बदमाश अभी फरार चल रहे हैं। पुलिस का अभियान शुरू होते ही यह बदमाश जमींदोज हो गए। 50-50 हजार के इनामी इन बदमाशों को पकडऩे के लिए अब आईजी (अपराध) ने उनके नाम-पते फोटो सहित सार्वजनिक किए हैं। ताकि आम जनता उन्हें देख कर पुलिस की मदद कर सके।
1200 से अधिक पुलिस मुठभेड़
मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली और गुंडे-बदमाशों के खिलाफ अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए। पुलिस को उनके सफाए की छूट दे दी। पुलिस ने भी बदमाशों के एनकाउंटर शुरू कर दिए। बीते एक साल तीन महीने में प्रदेश में 1200 से अधिक पुलिस मुठभेड़ हो चुकी हैं। इनमें 62 शातिर बदमाश मार दिए गए। 384 बदमाश हमेशा के लिए अपाहिज हो चुके हैं जबकि तीन हजार से अधिक बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। योगीराज में पुलिस का यह रूप देख कर बदमाशों ने जमानत तुड़वा कर जेल जाना बेहतर समझा। हालांकि सूबे की पुलिस के इस रूप से आम जनता ने तो राहत की सांस ली है लेकिन अभी पुलिस पूरी तरह से चैन से नहीं बैठी है।
50-50 हजार के 23 इनामी
दरअसल प्रदेश में 23 बदमाश ऐसे हैं जिनकी तलाश पुलिस को शिद्दत के साथ है। इन पेशेवर बदमाशों से खतरा बना हुआ है। ये सभी 23 बदमाश 50-50 हजार के इनामी हैं। इनमें शामली का वाजिद काला, बाराबंकी का अविनाश चंद्र त्रिपाठी, हाथरस का विनोद चौधरी व जितेंद्र चौधरी, गौतमबुद्धनगर का बिल्लू दुजाना, अंबेडकरनगर का सऊद अहमद सिद्दीकी, इलाहाबाद का गोदुआ उर्फ विनोद कुमार पासी, मथुरा निवासी शान मेव, वाराणसी का मनीष सिंह, सुनील यादव, अजीम अहमद, विश्वास उर्फ नेपाली, गाजीपुर का अता-उर-रहमान उर्फ बाबू उर्फ सिकंदर, कौशांबी का बहार उर्फ बहारुद्दीन, गाजीपुर का शाहबुद्दीन , सहारनपुर निवासी सुधीर उर्फ महकार सिंह, आगरा का रामनरेश ठाकुर, बुलंदशहर का विनोद कुमार, लखनऊ का सलीम उर्फ मुख्तार शेख, मुजफ्फरनगर का संजीव नाला, मेरठ का मोनू गुर्जर, चित्रकूट निवासी बाबुली कोल तथा बलिया का कुशल कुमार चौबे शामिल हैं।
बदमाशों की जानकारी सार्वजनिक
इन शातिर बदमाशों के हाथ न लगने के बाद 15 जून को आइजी (अपराध) सुवेंद्र कुमार भगत ने इन बदमाशों के नाम व पते फोटो सहित सार्वजनिक कर दिए हैं। सोशल मिडिया के साथ ही प्रचार प्रसार के अन्य माध्यम से लोगों तक इन बदमाशों की जानकारी पहुंचाई जा रही है। इन 23 बदमाशों में मुरादाबाद मंडल के किसी भी जिले का कोई बदमाश शामिल नहीं है। इससे साफ जाहिर है कि मंडल की पुलिस बदमाशों का सफाया करने में सबसे आगे है।