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उबर चालक को बंधक बनाकर लूटी थी कार, किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की थी तैयारी Lucknow news

सरोजनीनगर पुलिस ने मामा भांजे को दबोचा मोबाइल से खुला राज। शकुंतला मिश्रा विवि के कुलपति का निजी चालक भी था शामिल।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 08:59 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jan 2020 08:58 AM (IST)
उबर चालक को बंधक बनाकर लूटी थी कार, किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की थी तैयारी Lucknow news
उबर चालक को बंधक बनाकर लूटी थी कार, किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की थी तैयारी Lucknow news

लखनऊ, जेएनएन। उबर चालक को बंधक बनाने और लूटपाट करने के आरोप में सरोजनीनगर पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपित रिश्ते में मामा-भांजे हैं। एएसपी पूर्वी सुरेश चंद्र रावत के मुताबिक, आरोपितों में से एक शकुंतला मिश्रा विवि के कुलपति का निजी चालक है। आरोपितों के पास से लूट की गाड़ी व मोबाइल फोन बरामद की गई है।

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सीओ कृष्णानगर अमित कुमार राय ने बताया कि 24 नवंबर को हुसैनाबाद निवासी सैय्यद रफत अली को आगरा एक्सप्रेस-वे के लिए बुकिंग आई थी। इसपर उन्होंने चालक शमशाद अली को सरोजनीनगर के नादरगंज से आगरा एक्सप्रेस-वे के लिए बुकिंग ले जाने को बोला था। चालक दोनों सवारियों को बिठाकर निकला, जिसे काकोरी में दोनों सवारियों ने असलहे के बल पर बंधक बना लिया था। इसके बाद उसके हाथ, पैर व मुंह बांधकर उसे सड़क किनारे फेंक दिया था और गाड़ी, नकदी व मोबाइल फोन लूटकर भाग निकले। शमशाद ने किसी तरह खुद को मुक्त कर पुलिस को सूचना दी थी। बाद में सरोजनीनगर में एफआइआर दर्ज कराई गई थी।

फर्जी आइडी पर लिए गए सिम कार्ड से की थी बुकिंग

छानबीन में पुलिस ने उस नंबर का ब्योरा खंगाला, जिससे गाड़ी की बुकिंग की गई थी। पड़ताल में सामने आया कि फर्जी आइडी से लिए गए सिम कार्ड से गाड़ी की बुकिंग कराई गई थी। सर्विलांस के जरिये पुलिस को पता चला कि जिस मोबाइल फोन में सिम लगाकर बुकिंग हुई थी, उससे दूसरा मोबाइल नंबर चलाया जा रहा है। पुलिस ने दबिश देकर समदा काकोरी निवासी अजय कुमार गौतम और दारोगा खेड़ा सरोजनीनगर निवासी आशीष कुमार गौतम को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में अजय ने बताया कि वह शकुंतला मिश्रा विवि के कुलपति का निजी चालक है। आरोपितों ने उन्नाव से फर्जी आइडी पर सिम ली थी।

बदल दिया था नंबर प्लेट

खुद को बचाने के लिए आरोपितों ने गाड़ी का नंबर प्लेट बदल दिया था और उसपर सरकारी नंबर चस्पा कर दिया था। आरोपित लूट की कार बेचने के लिए कानपुर लेकर गए थे। पुलिस का कहना है कि इस कार से दोनों किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे।


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