Ajit Singh Murder Case in Lucknow: छह हमलावरों ने की थी अजीत की हत्या, एक और शूटर समेत तीन दबोचे गए
अजीत हत्याकांड में नामजद आरोपित कुंटू सिंह और अखंड को आजमगढ़ से बी वारंट पर बुधवार को लखनऊ सीजेएम तृतीय के यहां पेश किया गया था। हालांकि इस दौरान लखनऊ पुलिस की ओर से पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए कोई अर्जी नहीं डाली गई।
लखनऊ, जेएनएन। Ajit Singh Murder Case in Lucknow: अजीत सिंह हत्याकांड में पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। शूटर संदीप उर्फ बाबा को गिरफ्तार कर पुलिस ने वारदात का खुलासा किया है। शूटरों के तीन अन्य मददगार भी वारदात में शामिल थे। सभी हमलावरों के नाम पुलिस ने पता कर लिए है। संदीप, गिरधारी, रवि यादव, शिवेंद्र सिंह, राजेश तोमर, बंटी ने चलाई थी गोलियां। इसमें से संदीप को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। घटनास्थल पर लाल रंग की गाड़ी से मौजूद था बंधन। हमलावरों ने अपना असलहा अंकुर को दे दिया था। अलकनंदा अपार्टमेंट से पुलिस ने बरामद किया असलहा।
गौरतलब है की हत्याकांड की जड़ अब मुन्ना बजरंगी के हत्यारोपित सुनील राठी से जुड़ रही है। गैंगवार में जिस शूटर को गोली लगी थी, उसकी लखनऊ पुलिस ने शिनाख्त कर ली है। पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर के मुताबिक घायल शूटर अलीगढ़ निवासी राजेश तोमर है। राजेश कुख्यात सुनील राठी का करीबी है। राजधानी पुलिस ने आंबेडकरनगर में बलुआ चंदौली निवासी संदीप सिंह उर्फ बाबा समेत दो लोगों को दबोचा है। संदीप ने राजेश तोमर के साथ मिलकर अजीत पर गोलियां बरसाई थीं। संदीप सदर कोतवाली उकरा गांव निवासी अपने परिचित देवेंद्र सिंह के घर पर छिपा था। पुलिस देवेंद्र और उसके साथी संजय सिंह से पूछताछ कर रही है। सूत्रों का कहना है कि संदीप ने राजेश तोमर व अन्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है। उधर, पुलिस आयुक्त ने बताया कि राजेश तोमर बागपत में जून 2020 में हुई परमवीर तुगाना की हत्या में वांछित है। राजेश पर 25 हजार का इनाम भी घोषित है और बागपत पुलिस राजेश की तलाश कर रही है।
सुनील राठी ने जेल में की थी मुन्ना बजरंगी की हत्या
नौ जुलाई 2018 को सुनील राठी ने बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वर्तमान में सुनील तिहाड़ जेल में बंद है। खास बात यह है कि अजीत के हत्यारोपित को भी दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जो तिहाड़ जेल में ही बंद है।
वहीं अजीत हत्याकांड में नामजद आरोपित कुंटू सिंह और अखंड को आजमगढ़ से बी वारंट पर बुधवार को लखनऊ सीजेएम तृतीय के यहां पेश किया गया था। हालांकि इस दौरान लखनऊ पुलिस की ओर से पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए कोई अर्जी नहीं डाली गई। पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर के मुताबिक दोनों आरोपितों को कोर्ट में पेशकर वापस ले जाने के आदेश थे। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि कुंटू और अखंड को पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) पर लिया जाएगा। लखनऊ पुलिस दोनों की पीसीआर के लिए न्यायालय में अर्जी देगी। पीसीआर पर लेने के बाद दोनों से पूछताछ की जाएगी। उधर, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में कुंटू और अखंड को आजमगढ़ से लखनऊ लाया गया था। कोर्ट परिसर में कुंटू ने मीडियाकर्मियों को दिए बयान में कहा कि उसका पूर्व सांसद धनंजय सिंह से कोई संबंध नहीं है। अजीत सिंह की हत्या में कुंटू के शामिल होने के सवाल पर उसने बताया कि वह इस बारे में कोर्ट में अपना जवाब देगा।