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देश का बड़ा खतरा आतंकवाद, धर्मांधता और ध्रुवीकरणः गोपाल कृष्ण गांधी

पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी ने कहा कि आज हमारे देश को आतंकवाद, धर्मांधता और ध्रुवीकरण तीन चीजों से बहुत ज्यादा खतरा है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 05 Aug 2018 09:22 PM (IST)Updated: Mon, 06 Aug 2018 06:03 PM (IST)
देश का बड़ा खतरा आतंकवाद, धर्मांधता और ध्रुवीकरणः गोपाल कृष्ण गांधी
देश का बड़ा खतरा आतंकवाद, धर्मांधता और ध्रुवीकरणः गोपाल कृष्ण गांधी

लखनऊ (जेएनएन)। आज हमारे देश को तीन चीजों से बहुत ज्यादा खतरा है, आतंकवाद, धर्मांधता और ध्रुवीकरण। आतंकवाद से हमें डर से नहीं अक्ल से लडऩा है, वहीं धर्मांधता का मुकाबला हमें खुद करना होगा। सबसे बड़ा खतरा हमें ध्रुवीकरण से है। यह हमारे लिए बहुत फिक्र का विषय है। हमें इस डर से निजात पाना है। यह हिन्द की आवाज है। पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी ने ओसामा तलहा मेमोरियल लेक्चर में हम हिंद की आवाम विषय पर व्याख्यान दिया। पर्यटन भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

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सिटिजनशिप के नाम पर आसाम में हालात गंभीर 

राज्यपाल ने कहा कि आज से 70-80 साल पुरानी बात है, एक डर से हिन्द को तिलक, नेताजी, शहीद भगत सिंह और गांधी जी जैसे शहीदों ने आजाद करवाया था। एक निडर सोच की शक्ति जिसके द्वारा हमारे संविधान का निर्माण हुआ। इसमें अब तक 100 से ज्यादा संशोधन हुए, कई बार तकनीकी वजहों से तो कई बार वजन की वजह से। सिटिजनशिप के नाम पर आसाम में जो हो रहा है उसे भारत की आवाम देख रही है। यह सरकार का लिटमस टेस्ट है। 40 लाख लोग विदेशी करार दे दिये गये हैं। कानूनी रजिस्टर देखे जा रहे हैं। अगर हम संविधान को देखे तो 16 तरह की आइडी होती है। यह 16 पेपर्स अगर पूरे इंडिया में देखे जाने लगे तो काफी लोग इसी घेरे में आ जाएंगे। किसके पास है इतनी ईमानदारी जो इसकी जांच करे। 

संविधान में जिक्र नहीं है धर्म का

राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी ने कहा कि हमारे संविधान को बाबा साहेब आंबेडकर, कृष्ण स्वामी अय्यर ने बताया है। हमारे संविधान में धर्म का जिक्र नहीं है। केवल, वी द पीपल ऑफ इंडिया का जिक्र है। असम की तरह संविधान का संशोधन लाने में मावनता, कत्वर्यनिष्ठता का ध्यान रखना चाहिए। सरकार को भी इसका पूरा ख्याल रखना चाहिए। नागरिकता, का धर्म से जुड़ाव नहीं होना चाहिए।

पत्रकारिता का भविष्य उज्जवल- विनोद दुआ

पत्रकारिता का भविष्य काफी उज्जवल है। चंद लोगों की वजह से हम पूरी पत्रकारिता पर सवाल नहीं उठा सकते हैं। यह एक दौर है जो जल्द ही बदल जाएगा। जैसे पेस्टीसाइड्स पडऩे पर छोटे-छोटे कीड़े बाहर निकलने लगते हैं। ठीक उसी तरह से इनका भी दौर खत्म हो जाएगा। ध्रुवीकरण की राजनीति भी ज्यादा वक्त तक नहीं चलेगी। 

सम्मानित किये गये वरिष्ठ पत्रकार 

पद्मश्री और बीडी गोएंका अवार्डी पत्रकार विनोद दुआ और वरिष्ठ पत्रकार हरिश खरे को ओसामा तलहा फाउंडेशन की ओर से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में परवनी तलहा, ऊज्मा तलहा समेत कई हस्तियां मौजूद रहीं। 


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