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आपदा में न हों निराश, PMJJBY और PMSBY करेगा आपकी आर्थ‍िक मदद; जाने अपने अध‍िकार

वर्ष 2015 से भारत सरकार ने ज्यादातर बचतखाता धारकों के लिए दो सस्ती बीमा योजनाएं शुरू की थी। इसमें पहली प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) -330/- रुपये में और दूसरी प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) 12/- रूपये में।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 06:30 AM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 08:48 AM (IST)
आपदा में न हों निराश, PMJJBY और PMSBY करेगा आपकी आर्थ‍िक मदद; जाने अपने अध‍िकार
यह सरकार की जनहितकारी योजना है। ग्राहकों द्वारा इसे स्वेच्छा से कराया गया है।

लखनऊ, जेएनएन। आपदा के इस समय में अगर किसी करीबी, रिश्तेदार या परिचित के परिवार में हाल ही में किसी कारण (दुघर्टना / बीमारी (कोविड -19)) से मौत हो गई हो, तो उनसे अपने बैंक के खाता का विवरण देखने को कहें। अगर उनके पासबुक की प्रविष्टि में पहली अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 के बीच बैंक ने 12/- या रु 330/- काटा हो तो इसे चिह्नित करें और मृतक के परिजनों से कहें कि बैंक जाकर दो लाख रुपए के लिए बीमा राशि का दावा प्रस्तुत करें। यह आपका अधिकार है।

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दरअसल, वर्ष 2015 से भारत सरकार ने ज्यादातर बचतखाता धारकों के लिए दो सस्ती बीमा योजनाएं शुरू की थी। इसमें पहली प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) -330/- रुपये में और दूसरी प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) 12/- रूपये में। इसके तहत पीड़ित परिवार अथवा उनके परिजनों 90 दिनों के भीतर बीमा दावा करना है। राष्ट्रीयकृत बैंक के अधिकारी के मुताबिक बीमा के लिए बैंक कर्मियों द्वारा खाताधारकों से फॉर्म भरवाया गया था, इसी आधार पर इन दोनों बीमा की वार्षिक क़िस्त उनके बचत खाते से प्रतिवर्ष कटती रहती है।

यह सरकार की जनहितकारी योजना है। ग्राहकों द्वारा इसे स्वेच्छा से कराया गया है। चूंकि बीमा की रकम मामूली औऱ इसके लिए कोई अतिरिक्त दस्तावेज नहीं लगते हैं, इसलिए आमतौर पर इसे लोग अपने परिजनों को बताना भूल जाते हैं। अगर किसी खाताधारक ने बीमा करा रखा है और उसने घर में नहीं बताया है तो पासबुक में हुई 12 रुपये व 330 रुपये की इंट्री ही पर्याप्त है। एक्सीडेंटल बीमा 12 रुपये और सामान्य बीमा 330 रुपये का। दोनों बीमा दावा दो दो लाख के हैं।यदि किसी ने दोनों बीमा कराएं हैं और उसका एक्सीडेंटल डेथ होती है तो उसे चार लाख रुपये मिलेंगे।   विनोद मिश्र, लीड बैंक अधिकारी (एलडीएम), लखनऊ  

 


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