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Ayodhya Ram Mandir News: पीएम नरेंद्र मोदी देखेंगे अयोध्या की विकास योजना का प्रजेंटेशन

प्रधानमंत्री तक पहुंचने से पूर्व इस योजना का प्रजेंटेशन मुख्यमंत्री देखेंगे। मुख्यमंत्री ने विजन डाक्यूमेंट की तैयारी को लेकर गत 23 तारीख को आला अधिकारियों के साथ बैठक भी की। इसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि अयोध्या को विश्व स्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में स्थापित किया जाना है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 06:05 AM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 07:07 AM (IST)
Ayodhya Ram Mandir News: पीएम नरेंद्र मोदी देखेंगे अयोध्या की विकास योजना का प्रजेंटेशन
नगर नियोजन क्षेत्र की संस्था खींच रही रामनगरी के समग्र विकास का खाका।

अयोध्या, [रमाशरण अवस्थी]। रामनगरी के विकास का जो विजन डाक्युमेंट अंतरराष्ट्रीय ख्याति की संस्था ली एसोसिएट तैयार कर रही है, उसका प्रजेंटेशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने किया जाएगा। इसके लिए 25 मार्च की तरीख तय है। इसके पीछे प्रधानमंत्री की रामनगरी की विकास योजनाओं में सीधी दिलचस्पी है। प्रधानमंत्री अयोध्या को विश्व की सर्वाधिक सुंदर और सुविधायुक्त नगरी के रूप में विकसित करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री की इस इच्छा का बराबर वास्ता भी देते रहते हैं। गत सप्ताह ही अपना काम शुरू करने वाले ली एसोसिएट को 10 मार्च तक अयोध्या के समग्र विकास से जुड़ी अपनी योजना को अंतिम रूप देना है।

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प्रधानमंत्री तक पहुंचने से पूर्व इस योजना का प्रजेंटेशन मुख्यमंत्री देखेंगे। मुख्यमंत्री ने विजन डाक्यूमेंट की तैयारी को लेकर गत 23 तारीख को आला अधिकारियों के साथ बैठक भी की। इसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि अयोध्या को विश्व स्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में स्थापित किया जाना है। इस दौरान उन्होंने दोहराया कि अयोध्या के समग्र विकास में देश के विभिन्न राज्यों के अतिथि गृह और वैदिक रामायण सिटी का प्रविधान रखा जाय। रामनगरी की 84, 14 एवं पंचकोसी परिक्रमा में पडऩे वाले पौराणिक स्थलों का विकास शामिल किया जाय। प्रस्तावित मास्टर प्लान में स्टार श्रेणी के होटलों एवं रिसाट्र्स के लिए जगह सुनिश्चित की जाय। अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाय। अयोध्या में प्रवेश करने वाले सभी मार्गों पर तोरण द्वार बनाए जाएं। इसी के साथ ही मुख्यमंत्री ने अयोध्या में विकास की गति पूरी तीव्रता से आगे बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने संपूर्ण कार्य के लिए अधिकतम पांच वर्ष की समय सीमा तय कर रखी है।

इकबाल ने जताई कारसेवा की इच्छा

बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे मो. इकबाल नौ नवंबर 2019 को सुप्रीमकोर्ट का फैसला आने के बाद से मंदिर निर्माण का झंडा बुलंद कर रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए कारसेवा करने की इच्छा जताई। हालांकि इकबाल की यह इच्छा पूरी नहीं हो पाएगी। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ.अनिल मिश्र ने स्पष्ट किया कि विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में चल रही निर्माण प्रक्रिया में विशेषज्ञ श्रमिकों के अलावा किसी अन्य का शामिल होना संभव नहीं है।  


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