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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के द्वारा मुफ्त राशन दे परिवारों को बिखरने से बचाया

अन्न महोत्सव के जरिये राशन बांटने की जो शुरुआत की गई है वह सराहनीय है। इसकी वजह यह है कि कोरोना की इस महाविपत्ति के समय पर सबसे ज्यादा कहर मजदूर पेशा वर्ग पर ही टूटा है जिनके लिए रोज कुआं खोदना और रोज पानी पीने जैसी स्थिति है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 09 Aug 2021 10:26 AM (IST)Updated: Mon, 09 Aug 2021 10:58 AM (IST)
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के द्वारा मुफ्त राशन दे परिवारों को बिखरने से बचाया
वाराणसी के भीषमपुर में नि:शुल्क राशन वितरण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी से आनलाइन संवाद करतीं बदामी देवी। उत्तम राय चौधरी

लखनऊ, राजू मिश्र। उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के मासिक चक्र के शुभारंभ पर पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाभार्थियों से वचरुअल संवाद किया। इस योजना के जरिये करीब 15 करोड़ लोग लाभान्वित हो रहे हैं। प्रत्येक परिवार को हर माह पांच किलो चावल/ गेहूं दिया जाएगा। इसके लिए प्रदेश में उचित दर की 80 हजार दुकानें चिन्हित की गई हैं। इसका मकसद गरीबों और मजदूरों को समय पर और पर्याप्त रूप से खाद्यान्न उपलब्ध कराना है, ताकि उन्हें परेशानियों से मुक्त किया जा सके।

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इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश के पांच लाभार्थियों से संवाद भी किया। संवाद का मकसद यह जानना भी था कि प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ गरीबों को मिल रहा है या नहीं। प्रधानमंत्री ने वाराणसी की बदामी देवी से जानकारी चाही तो उन्होंने साफ कहा कि सब सुविधाएं मिल रही हैं। मड़ई (छप्पर) से पक्का घर हो गया। हर महीने राशन मिल रहा है। बिजली, गैस भी प्राप्त हो रही है। सहारनपुर की कमलेश ने भी कहा कि उन्हें राशन लगातार मिल रहा है। इसी तरह झांसी के पंकज सहगल ने प्रधानमंत्री को बताया कि कोरोना ने आíथक रूप से परेशान कर दिया, लेकिन सरकार ने मुफ्त राशन देकर परिवार को बिखरने से बचाया है। सुलतानपुर की बबीता और कुशीनगर की अमलावती का भी कुछ ऐसा ही कहना था। सभी ने सरकार के प्रयास को सराहा।

अन्न महोत्सव के जरिये राशन बांटने की जो शुरुआत की गई है, वह सराहनीय है। इसकी वजह यह है कि कोरोना की इस महाविपत्ति के समय पर सबसे ज्यादा कहर मजदूर पेशा वर्ग पर ही टूटा है, जिनके लिए रोज कुआं खोदना और रोज पानी पीने जैसी स्थिति है। वे न तो लंबे समय के लिए घर में राशन का इंतजाम कर सकते हैं और न ही इतना पैसा होता है कि जब जो जरूरत हो उसे खरीद लें, ऐसे में सरकार की ओर से वितरित नि:शुल्क राशन ही इनका सबसे बड़ा सहारा बना है। समाज के सबसे निचले पायदान तक पहुंच कर सरकार ने जो प्रयास किया है निश्चित रूप से उससे करोड़ों लोगों के घरों में चूल्हा जलने का इंतजाम किया गया है। खुद प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली से भेजे गया हर दाना आज लाभार्थियों की थाली तक पहुंच रहा है। पूर्व की सरकारों के समय प्रदेश में गरीबों के अनाज के साथ जो लूट मचती थी, अब वह रास्ता बंद हो चुका है। लाभाíथयों की संख्या न केवल बढ़ी है, बल्कि उन्हें राशन भी समय से उपलब्ध होने लगा है। अब जो अन्न महोत्सव शुरू हुआ है, वह गरीबों के लिए लाभकारी साबित होगा।

बड़े काम का सिटीजन चार्टर : प्रदेश जल्द ही एक क्रांतिकारी परिवर्तन का गवाह बनने जा रहा है। यहां 15 अगस्त से 58,189 ग्राम पंचायतों में सिटीजन चार्टर लागू होने जा रहा है। सिटीजन चार्टर लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यो में पारदर्शिता बढ़ेगी, ग्रामीणों को तमाम सेवाएं समयबद्ध ढंग से मिलने लगेंगी। ये ऐसी सेवाएं हैं जिन्हें प्राप्त करने के लिए पहले ग्रामीणों को न केवल महीनों लग जाते थे, बल्कि संबंधित अफसरों, कर्मचारियों की रिश्वतखोरी का भी शिकार होना पड़ता था। ‘मेरी पंचायत, मेरा अधिकार-जनसेवाएं हमारे द्वार’ अभियान से सरकार के इस प्रयास को और गति मिलेगी। पंचायत विभाग ने जो माडल सिटीजन चार्टर तैयार कराया है, उसमें अभी 39 जनसुविधाओं का उल्लेख है, जिसे पंचायतें अपने संसाधनों के हिसाब से लागू करेंगी, लेकिन यदि यह पूरी तरह से सफल रहा है तो जनसुविधाओं की सूची और लंबी हो सकती है। इन सारी कवायद का एक ही मकसद है गांव की सरकार को आमलोगों के प्रति जवाबदेह बनाना।

समस्या का निस्तारण निर्धारित अवधि के भीतर करना मजबूरी हो जाने से भ्रष्टाचार के अवसर काफी हद तक खत्म हो जाएंगे। सरकार ने आमजन के हित में जो क्रांतिकारी कदम उठाए हैं, वे निश्चित रूप से बहुत ही लाभकारी हैं, लेकिन व्यवहार में देखा यही गया है कि चाहे जितनी भी पुख्ता व्यवस्था सरकार कर ले, भ्रष्टाचारी और रिश्वतखोर उसमें भी कोई न कोई रास्ता खोज लेते हैं। इन सारे रास्तों को बंद करना पड़ेगा। इसका एक तरीका यह है कि इन मामलों में भ्रष्टाचार करने वालों को कठोर दंड निर्धारित कर दिए जाएं ताकि उनके सामने बचाव का कोई रास्ता न हो। व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए आम जनता को अपना व्यथा बताने के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जाए, साथ ही उन समस्याओं का निस्तारण भी प्रभावी और समयबद्ध ढंग से हो।

[वरिष्ठ समाचार संपादक, उत्तर प्रदेश]


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