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डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में अब दो से बढ़ाकर बुंदेलखंड के छह जिले शामिल करने की बन रही योजना

बुंदेलखंड के लिए तकदीर की लकीर माने जा रहे डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में अब दो से बढ़ाकर कुल छह जिले शामिल करने का खाका बन रहा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 05:06 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 05:06 PM (IST)
डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में अब दो से बढ़ाकर बुंदेलखंड के छह जिले शामिल करने की बन रही योजना
डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में अब दो से बढ़ाकर बुंदेलखंड के छह जिले शामिल करने की बन रही योजना

लखनऊ, जेएनएन। बुंदेलखंड पर मेहरबान योगी सरकार इस क्षेत्र के लिए तरक्की का रास्ता और चौड़ा करने की तैयारी मेें है। बुंदेलखंड के लिए तकदीर की लकीर माने जा रहे डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में अब दो से बढ़ाकर कुल छह जिले शामिल करने का खाका बन रहा है। मुख्य सचिव आरके तिवारी ने इस संबंध में जल्द ही प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।

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उत्तर प्रदेश में निवेश लानेे के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में सत्ता संभालते ही वर्ष 2018 में यूपी इनवेस्टर्स समिट आयोजित किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के लिए डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की घोषणा की। इस प्रोजेक्ट पर योगी सरकार ने तेजी से काम किया और यूपी डिफेंस कॉरिडोर के लिए चिन्हित जिलों झांसी, आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट, कानपुर और लखनऊ में जमीन अधिग्रहण शुरू कर दिया।

वहीं, लॉकडाउन के ठीक पहले जो डिफेंस एक्सपो आयोजित किया गया, उसमें उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के साथ 23 कंपनियों ने करीब पचास हजार करोड़ के एमओयू साइन किए। कॉरिडोर के प्रति अन्य परियोजनाओं की तुलना में निवेशकों की रुचि ज्यादा नजर आ रही है। इसे देखते हुए शासन स्तर पर विचार किया गया है कि इसमें बुंदेलखंड के जालौन, हमीरपुर, बांदा और महोबा को भी शामिल कर लिया जाए।

सोमवार को कॉरिडोर की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव आरके तिवारी ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि जो जिले अब तक छूटे हुए हैं, वह भी काफी महत्वपूर्ण हैं। इन्हें शामिल करते हुए प्रस्ताव तैयार करें। साथ ही उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट सरकार की प्राथमिकता में शामिल है, इसलिए समय सारिणी बनाकर इसे पूरा करें।

निवेशकों को लुभा रहा यह...

  • जमीन की कीमत पर 25 फीसद अनुदान
  • टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की लागत पर 75 फीसद अनुदान

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