यूपी में आयुष्मान भारत योजना का पायलट रन शुरू, 25 से पूरे प्रदेश में होगी लागू
25 सितंबर से देश भर में शुरू होने वाली इस महत्वाकांक्षी योजना का पायलट रन मंगलवार से प्रदेश में शुरू कर दिया गया।
लखनऊ (जेएनएन)। आयुष्मान भारत यानी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ डे केयर मरीजों को भी मिलेगा। भर्ती होने वाले मरीजों को अस्पताल से छुट्टी के बाद भी दवा और डॉक्टरी परामर्श के लिए मदद मिलेगी। मरीजों की मदद के लिए अस्पतालों में आरोग्य मित्र भी मौजूद होंगे। 25 सितंबर से देश भर में शुरू होने वाली इस महत्वाकांक्षी योजना का पायलट रन मंगलवार से प्रदेश में शुरू कर दिया गया।
लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल को आयुष्मान योजना के पहले चिकित्सालय के तौर पर शामिल करते हुए स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने मंगलवार को यहां छह लाभार्थियों को पात्रता के तौर पर गोल्डेन कार्ड और आरोग्य मित्रों को परिचय पत्र सौंपे। योजना लागू होने के बाद दिए जाने वाले गोल्डेन कार्ड में प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की फोटो भी होगी। सिंह ने बताया कि सात सितंबर को सभी मंडलों में पायलट रन की लॉन्चिंग होगी और 13 सितंबर तक सभी जिलों में योजना के लिए प्रशिक्षण का काम पूरा कर लिया जाएगा।
सभी जिलाधिकारियों व जन प्रतिनिधियों को लाभार्थियों तक गोल्डेन कार्ड पहुंचाने का जिम्मा सौंपा गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि योजना के लिए सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण में शामिल प्रदेश के 1.18 करोड़ परिवारों के छह करोड़ लोगों को चुना गया है। साथ ही शहरी क्षेत्र की 11 कामगार श्रेणियों को भी योजना का लाभ मिलेगा। इन सभी परिवारों को पांच लाख रुपये तक का इलाज दिलाया जाएगा।
आयुष्मान योजना के तहत इलाज के लिए केंद्र सरकार ने कुल 1350 सर्जिकल व मेडिकल पैकेज निर्धारित किए हैैं, जिसमें 67 तरह के उपचार केवल राजकीय अस्पतालों में मिलेंगे। अल्ट्रासाउंड व एमआरआइ जैसी सुविधाएं भी मुफ्त मिलेंगी। योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश को चार जोन में बांटा गया है। हर जोन के लिए इंप्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी का भी चयन कर लिया गया है। योजना के लिए केंद्र सरकार ने 1800111565 नंबर की हेल्पलाइन शुरू की है। राज्य में जल्द ही अलग से भी कॉल सेंटर बनाया जाएगा।
जुड़ेंगे एक हजार अस्पताल
योजना में प्रदेश के 209 सरकारी व 66 निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया जा चुका है, जबकि 700 अन्य अस्पतालों के आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैैं। जोड़े गए केंद्रों में छह मेडिकल कॉलेज व सात संस्थान एनएबीएच से मान्यता प्राप्त हैैं। योजना शुरू होने तक मंत्री ने एक हजार अस्पतालों के जुडऩे की उम्मीद जताई है। योजना के तहत अस्पतालों को परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेटिव भी दिया जाएगा।
ग्राम्य विकास कर रहा सर्वेक्षण
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन परिवारों को भी योजना में शामिल करने का निर्णय लिया है, जो सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण में छूट गए थे। छूटे परिवारों को शामिल करने के लिए ग्राम्य विकास विभाग द्वारा सर्वे किया जा रहा है, जो एक महीने में पूरा हो जाएगा।