मुख्यमंत्री ने हरदोई पेट्रोल पंप प्रकरण की जांच मुख्य सचिव राजीव कुमार को सौंपी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने हरदोई पेट्रोल पंप मामले का संज्ञान लेकर जांच मुख्य सचिव राजीव कुमार को जिम्मेदारी सौंप दी है। यह 25 लाख रिश्वत का मामला है।
लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरदोई पेट्रोल पंप प्रकरण का संज्ञान लेकर जांच मुख्य सचिव राजीव कुमार को जिम्मेदारी सौंप दी है। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को इस मामले में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर रिश्वत मांगने के आरोप सार्वजनिक हुए थे। भाजपा ने शिकायतकर्ता अभिषेक गुप्ता पर पार्टी की छवि खराब करने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया था। इस तहरीर के आधार पर शुक्रवार सुबह पुलिस ने गुप्ता को हिरासत में ले लिया गया है।
मामला प्रमुख सचिव सीएम स्तर पर लंबित
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव राजीव कुमार को अभिषेक गुप्ता के हरदोई में एक पेट्रोल पंप की स्थापना संबंधी प्रकरण की तथ्यात्मक स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री के संज्ञान लेने के साथ ही मामला पेचीदा हो गया है। अभिषेक गुप्ता ने ई-मेल से 18 अप्रैल को राज्यपाल को शिकायत भेजी कि हरदोई की संडीला तहसील के रैसो में एस्सार ऑयल लिमिटेड द्वारा स्वीकृत पेट्रोल पंप स्थापित किया जाना है लेकिन पेट्रोल पंप के मुख्य मार्ग की चौड़ाई कम होने से आवश्यक भूमि उपलब्ध कराने के लिए उनका आवेदन प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री स्तर पर लंबित है। राज्यपाल द्वारा 30 अप्रैल को मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया कि पेट्रोल पंप के मुख्य मार्ग की चौड़ाई बढ़ाने के लिए भूमि उपलब्ध कराने को प्रमुख सचिव एसपी गोयल 25 लाख रुपये रिश्वत मांग कर रहे हैं। यही पत्र गुरुवार को सार्वजनिक हो गया।
पेट्रोल पंप का फ्रंट मानक के अनुरूप नहीं था
सरकार की ओर से बताया गया कि अभिषेक गुप्ता अपनी जमीन पर पेट्रोल पंप लेना चाहते थे, लेकिन उसका फ्रंट मानक के अनुसार नहीं था। इस जमीन के आगे ग्राम सभा की जमीन है और मानक पूरा करने के लिए अभिषेक ने ग्राम सभा की जमीन के एक्सचेंज का प्रस्ताव रखा। अधिकारियों ने नियम का हवाला दिया कि सरकारी जमीन का एक्सचेंज सार्वजनिक हित के कार्यों के लिए ही हो सकता है जबकि पेट्रोल पंप निजी व्यवसाय के दायरे में आता है। इसी आधार पर अभिषेक का प्रस्ताव मान्य नहीं हुआ। इसके बाद अभिषेक गुप्ता ने मुख्यमंत्री के विशेष सचिव को भाजपा संगठन के एक प्रमुख नेता का हवाला देते हुए फोन किया और दबाव बनाने की कोशिश की। सफलता न मिलने पर अभिषेक गुप्ता ने एसपी गोयल पर रिश्वत मांगने का गलत आरोप मढ़ दिया।