तारों के मक ड़जाल के बीच फल-फूल रहा धंधा, 2 हजार से ज्यादा दुकानें-आग बुझाने के उपकरण नहीं
नाका और चारबाग के दर्जनभर से अधिक बाजारों में आग बुझाने के उपकरण नहीं। अफसरों की जेब गर्म करके फल-फूल रहा धंधा।
लखनऊ(शोभित मिश्र)। राजधानी स्थित नाका और चारबाग में खतरों के बीच दर्जनभर से ज्यादा बाजारों में करीब दो हजार छोटी-बड़ी दुकानें चल रही हैं। तारों का मक ड़जाल ऐसा है कि व्यापारियों को अपना ही तार खोजने में घंटों मशक्कत करती पड़ती है। तारों से निकली एक चिंगारी पूरे मार्केट को नष्ट कर सकती है। कई दुकानों में तो आग से बचाव का एक भी उपकरण तक नहीं हैं। अवैध ढंग से गैस सिलेंडर लगाकर ठेले-खोमचों पर मिनी होटल चल रहे हैं, सिलेंडर फटने से अग्निकांड के साथ बड़ा हादसा हो सकता है।
अफसरों की जेब गर्म करके फल-फूल रहा धंधा
स्थानीय ठेले और खोमचे वालों ने बताया कि अफसरों की जेब गर्म करके यह धंधा फल-फूल रहा है। इस वजह से पनपे अतिक्रमण के चलते बीस से तीस फीट की सड़कों पर पांच फीट जगह भी नहीं बचती। आलम यह है कि अग्निकांड की घटना पर दमकल मौके तक नहीं पहुंचेगी और लोगों को भागने का रास्ता नहीं मिलेगा। यह अवैध धंधा क्षेत्रीय पुलिस, दमकल, नगर निगम समेत अन्य संबंधित विभाग को भी इसकी जानकारी है, पर करते कुछ भी नहीं।
किसी दुकानदार के पास नहीं आग से बचाव के उपकरण
चारबाग नाका जोन व्यापार मंडल के अध्यक्ष पवन मनोचा व व्यापारी घनेश कुमार अग्रवाल का कहना है कि आर्यनगर, अंबर मार्केट समेत अन्य बाजारों में तारों का मकड़जाल फैला हुआ है। किसी भी दुकानदार के पास फायर स्टींग्यूजर समेत आग से बचाव का एक भी उपकरण नहीं है। सड़क पर खड़े वाहनों और तारों के मकड़जाल के चलते दमकल भी आग की घटना तक बाजार तक नहीं पहुंच पाएगी।
सामने आई व्यापारियों की दिक्कतें?
नाका स्थित प्रीत बाजार विजयनगर के अध्यक्ष नरेंद्र पाल सिंह और व्यापारी नरेंद्र पाल सिंह का कहना है कि मार्केट में लोगों ने अपने पैसे से लोहे के एंगिल लगाकर तारों को एक जगह पर रोक रखा है। पूरे नाका बाजार में पटरी दुकानदारों को मिलाकर छोटी-बड़ी करीब 1300 दुकानें हैं। ऐसे में यहां पर अभियान चलाने की ज्यादा जरूरत है।
वहीं, चारबाग के व्यापारी गुरुचरन सिंह और उत्कर्ष कुमार का कहना है कि चारबाग स्थित मुख्य रोड पर धड़ल्ले से अवैध ढंग से सिलेंडर लगाकर होटल चलाए जा रहे हैं, जिससे हर समय बाजार में आग लगने का खतरा सता रहा है। मुख्य मार्ग के किनारे होटल चलाना भी कानूनन गलत है। फिर भी यह खेल बदस्तूर जारी है। बाजार के अंदर की सड़कों की बात तो दूर मुख्य मार्ग से नगर निगम विभाग अतिक्रमण नहीं हटवा पा रहा। इसी तरह व्यापारी लकी और नंदलाल पांडेय बोले कि अगर मार्केट में आग लग गई तो सबकुछ राख हो जाएगा। अतिक्रमण के चलते सकरी गलियों में दमकल मौके तक नहीं पहुंच सकती। लखनऊ-कानपुर की पुरानी रोड साठ फीट की थी, लेकिन अतिक्रमण के चलते पंद्रह फीट ही रह गई।
चारबाग में डाक घर के ऊपर चल रहा अवैध होटल
चारबाग स्टेशन परिसर में घुसते ही हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई। स्टेशन परिसर में स्थित डाक घर के ऊपर अवैध ढंग से होटल चल रहा है। होटल संचालक राजा ने बताया कि उसके पास इससे संबंधित कोई जरूरी दस्तावेज नहीं हैं। यहां बाकायदा मिट्टी का तेल डालकर स्टोव पर खाना, नाश्ता और चाय बनाई जा रही थी। अक्सर अवैध ढंग से सिलेंडर लगाकर भी काम होता है।
नाका बाजार की कुल दुकानें
आर्यनगर माकेट: 150 दुकानें
विजयनगर मार्केट: 300 दुकानें
सूर्यानगर मार्केट: 150 दुकानें
प्रीतबाजार:110 दुकानें
अंबर मार्केट: 110 दुकानें
नाका चौराहे आसपास: 150 दुकानें
सड़क किनारे: करीब 300 दुकानें
कुल दुकानें-1270
चारबाग बाजार में कुल दुकानें
गुरुनानक मार्केट: 201
न्यू मार्केट: 19
सब्जीमंडी मार्केट: 50
अंबेडकर प्रतिमा से मोहन होटल के आगे तक: 50 दुकानें
पानदरीबा बाजार: 150 दुकानें
सड़क किनारे : 300 दुकानें
कुल दुकानें-770
क्या कहते हैं अफसर?
चीफ फायर ऑफीसर अभय भान पांडेय के मुताबिक, दमकल विभाग की ओर से व्यापक अभियान चलाया जाएगा। शुरुआत अमीनाबाद से होगी। दमकल अधिकारी तो अवैध ढंग से दुकानें चलाने वालों को नोटिस देकर कार्रवाई करेंगे, लेकिन इस अभियान में नगर निगम और विद्युत विभाग का भी साथ जरूरी है।