Ram Mandir Trust की बैठक पर रामनगरी की निगाहें, उत्सुकता के साथ बयां हुई भव्य मंदिर की चाहत
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक का रामनगरी में सुबह से ही शुरू हुआ इंतजार। पांच सदी की साध पूरी होने की बेला में चरम पर उत्सुकता।
अयोध्या [रघुवरशरण]। रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए गठित श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक दिल्ली में हो रही है, पर सरगर्म रामनगरी में सुबह से दिखाई दी। निष्काम सेवा ट्रस्ट के व्यवस्थापक महंत रामचंद्रदास नित्य दर्शन के लिए पुण्य सलिला सरयू की ओर उन्मुख हैं। सामने मीडियाकर्मी को पाकर उनकी बाछें खिल जाती हैं और अपनी उत्सुकता शांत करने के लिए वे सवालों की बौछार करते हैं। मंदिर निर्माण कब शुरू होगा, वह कैसा होगा और ट्रस्ट में अन्य कौन लोग शामिल किए जा रहे हैं।
कुछ ऐसी ही उत्सुकता शीर्ष पीठ रामवल्लभाकुंज में बयां हो रही होती है। पीठ के अधिकारी राजकुमारदास नितनेम के बाद जिस कक्ष में पहुंचते हैं, वहां पहले से ही मुलाकातियों की पांत सज चुकी होती है। सभी की जुबान पर प्रस्तावित मंदिर का जिक्र होता है। इस संवाद को राजकुमारदास भी स्वर देते हैं। यह अपेक्षा जताकर कि जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण शुरू हो और ऐसा मंदिर बने, जो भगवान की अद्भुत-अद्वितीय महत्ता के अनुरूप भव्य-दिव्य हो तथा मंदिर का गर्भगृह स्वर्णमंडित हो। मंदिर निर्माण की सदियों पुरानी साध पूरी होने की बेला में रामनगरी कुछ अधिक सरगर्म होती है।
श्रद्धालुओं का प्रवाह उस कार्यशाला की ओर उन्मुख होता है, जहां रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए तीन दशक से पत्थरों की तराशी चल रही है। मंदिर किस मॉडल के अनुरूप बनेगा, यह तो श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को तय करना है। इस समीकरण से इतर आस्था के आवेग में श्रद्धालु पूरी हसरत से मंदिर के लिए गढ़ी जा रहीं शिलाओं को नमन करते हैं। शिलाओं को शिरोधार्य करने वाले जत्थे में शामिल धौलपुर से आए किसान मुकुंद शेखावत भी होते हैं। उन्हें भरोसा है कि भगवान राम का जो मंदिर बनेगा, वह बेमिसाल होगा। इस भरोसे की पुष्टि जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य भी करते हैं।
यह कहकर कि केंद्र में मोदी एवं प्रदेश में योगी सरकार के रहते रामभक्तों का चिरस्वप्न साकार होने का अवसर उपस्थित हुआ है और किंचित भी संदेह नहीं कि इस अवसर से पूरा न्याय होगा। यात्रियों की भीड़ के अलावा स्थानीय नागरिक रोजमर्रा की दौड़-भाग में लगे दिखते हैं, लेकिन उनका दिमाग जैसे बैठक में लिए जाने वाले फैसले की ओर अटका होता है। स्थानीय कारोबारी चरनजीत सिंह पूछते हैं, ट्रस्ट की बैठक कितने बजे से है और यह जानकर कुछ निराश दिखते हैं कि बैठक पांच बजे से है और बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी मिलने में अभी घंटों लगेंगे।