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किसानों को नहीं लुभा पा रहा पेंशन प्लान, यूपी में अब तक मात्र 2.35 लाख ही रजिस्ट्रेशन

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना कुछ तकनीकी कमियों और विभागीय उदासीनता के चलते उत्तर प्रदेश में गति नहीं पकड़ पा रही है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 09:22 AM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 09:23 AM (IST)
किसानों को नहीं लुभा पा रहा पेंशन प्लान, यूपी में अब तक मात्र 2.35 लाख ही रजिस्ट्रेशन
किसानों को नहीं लुभा पा रहा पेंशन प्लान, यूपी में अब तक मात्र 2.35 लाख ही रजिस्ट्रेशन

लखनऊ [अवनीश त्यागी]। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएम-केएमवाई) कुछ तकनीकी कमियों और विभागीय उदासीनता के चलते उत्तर प्रदेश में गति नहीं पकड़ पा रही है। योजना के लिए गत अगस्त माह से पंजीकरण आरंभ होने के बावजूद प्रदेश में 2,35,005 किसान ही पंजीकृत हो सके हैं। योजना का लाभ दिलाने में उप्र तीसरे स्थान पर है। बदायूं व रायबरेली समेत दस जिले ऐसे भी है, जहां पेंशन पाने के इच्छुक किसानों की संख्या एक हजार से भी कम है।

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प्रधानमंत्री किसान पेंशन योजना में किसानों को 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर 3,000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी। किसान की मृत्यु होने की स्थिति में उसकी पत्नी को भी रुपये मिलेंगे। इस योजना को लेकर किसानों में उत्साह नहीं दिखता। वजह बताते हुए भारतीय किसान आंदोलन के संयोजक कुलदीप कुमार का कहना है कि योजना की कई शर्तें अव्यावहारिक हैं। जैसे 18 से 40 वर्ष आयु वाले व अधिकतम दो हेक्टेयर भूमि के स्वामी किसान ही इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

कुलदीप का कहना है कि पुश्तैनी खेती व्यवस्था में अधिकतर युवाओं के नाम भूमि तब हो पाती है जब पिता की मृत्यु हो जाए अथवा उनके नाम बैनामा कराया जाए। ऐसे में पात्र किसानों का मिल पाना मुश्किल होता है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि बीमा कंपनियों से किसान वैसे ही त्रस्त हैं। किसान अपनी उपज का पूरा दाम भी नहीं ले पाता है, ऐसे में नियमित किस्तों की अदायगी हो पाना मुश्किल है।

नामांकन का कोई शुल्क नहीं

इस योजना मेंनामांकन निश्शुल्क है। 60 वर्ष की उम्र तक पेंशन कोष में किसानों को उम्र के आधार पर 55 से 200 रुपये का मासिक योगदान देना होता है। 18 वर्ष के किसान को 55 व 40 वर्ष में 200 रुपये किस्त देनी होगी। इसके बराबर ही सरकार भी योगदान देगी। 60 वर्ष पूरे होने से पहले किसान की मृत्यु की स्थिति में भी योजना जारी रख सकते हैं।

सर्वाधिक पंजीकरण कराने वाले दस जिले

1. सीतापुर : 18,538

2. हरदोई : 13,584

3. कासगंज : 12,247

4. झांसी : 9,985

5. हाथरस : 9,864

6. प्रयागराज : 9,833

7. अलीगढ़ : 9,444

8. ललितपुर : 6,452

9. उन्नाव : 6,014

10.बुलंदशहर : 6,000

न्यूनतम पंजीकरण कराने वाले जिले

1. बदायूं : 297

2. गौतमबुद्धनगर : 355

3. गाजियाबाद : 459

4. अंबेडकरनगर : 500

5. रामपुर : 508

6. देवरिया : 609

7. बागपत : 649

8. मथुरा : 716

9. बस्ती : 955

10. रायबरेली : 960

(नोट - 22 अक्टूबर तक प्राप्त आंकड़े)


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