PCDF : पराग को मिल रही चुनौती के बीच पीसीडीएफ की उत्पादों की पैकेजिंग आकर्षक करने की योजना
Plans of PCDF for Parag Milk Products मंत्री ने कहा कि पुरानी समितियां बंद नहीं होनी चाहिए और अक्रियाशील समितियों को क्रियाशील किया जाए। अधिकारी समिति ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : बाजार में बड़ी चुनौतियों के बीच उपभोक्ताओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए अब प्रादेशिक को-आपरेटिव डेयरी फेडरेशन (पीसीडीएफ) पराग के उत्पादों की मार्केटिंग और ब्रांडिंग पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए विभाग विशेषज्ञों का भी सहयोग लेगा।
पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने विधानसभा स्थित अपने कार्यालय में आयोजित बैठक में इस संबंध में निर्देश दिए हैं। मंत्री ने कहा है कि उत्पादों की आकर्षक पैकेजिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जााए। पशुपालको के लिए प्रशिक्षण दिलाने भी निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि पुरानी समितियां बंद नहीं होनी चाहिए और अक्रियाशील समितियों को क्रियाशील किया जाए। अधिकारी, समितियों का भ्रमण कर वहां की समस्याएं दूर कराएं। दुग्ध मूल्य का भुगतान समय पर कराया जाए। बताया गया कि जून में प्रतिदिन औसत दुग्ध उपार्जन में वृद्धि हुई है।
मंत्री ने निर्देश दिए कि दुग्ध उत्पादन में वृद्धि को प्रदेश के सभी 75 जनपदों में दुग्ध समितियों का संचालन सुनियोजित रूप से किया जाए। बैठक में प्रमुख सचिव दुग्ध विकास अमित कुमार घोष, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक वैभव श्रीवास्तव, विशेष सचिव दुग्ध विकास रामसहाय यादव, दुग्ध आयुक्त राकेश कुमार मिश्र आदि उपस्थित थे।
वर्षा में गो आश्रय स्थलों पर हो पर्याप्त व्यवस्थाएं
पशुधन मंत्री ने वर्षा के मौसम में गो आश्रय स्थलों पर पर्याप्त व्यवस्थाओं के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ संभावित क्षेत्रों में गो आश्रय स्थलों से आवश्यकता पड़ने पर गोवंश विस्थापित करने के लिए वैकल्पिक स्थानों का चयन कर लें। आपदा के दौरान पशुओं के भरण-पोषण हेतु भूसा, चारा, चोकर, पेयजल, औषधियों की व्यवस्था कर ली जाए। संक्रामक रोगों से बचाव को दवाओं का नियमित रूप से छिड़काव कराया जाय और टीकाकरण भी कराया जाए। 30 जुलाई तक की निर्धारित अवधि में हरे चारे की पर्याप्त बोआइ का कार्य कर लिया जाए। प्रमुख सचिव निर्देश दिए कि सभी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी स्थानीय प्रशासन के सहयोग से चारागाह की भूमि को कब्जा मुक्त कराएं।
प्रादेशिक को-आपरेटिव डेयरी फेडरेशन
प्रादेशिक को-आपरेटिव डेयरी फेडरेशन (पीसीडीएफ) की स्थापना राज्य में सहकारिता आधारित संगठित दुग्ध व्यवसाय के उद्देश्य से वर्ष 1962 में की गई थी। पीसीडीएफ ऐसा संगठन है जिसने दुग्ध व्यवसाय में वर्षों से दुग्ध उत्पादकों का शोषण करते आ रहे दूधियों के शोषण से मुक्त कराया है। इसमें दुग्ध उत्पादक और उपभोक्ता के बीच सीधा सम्पर्क स्थापित हुआ। यह प्रदेश स्तरीय शीर्षस्थ सहकारी संस्था उत्पादकों की सहभागिता से शक्ति प्राप्त करती है और उन्हें व्यवसायिक कौशल व पारम्पारिक संस्था में गतिशील व्यवसायिकता प्रदान करता है।

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