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Lucknow: साइबर अपराधियों को बेच रहा था पेटीएम एक्टिवेटेड सिम, पुलिस ने एक आरोपित को दबोचा

Lucknow Crime News गिरोह जिन मोबाइल नंबरों पर पुराना पेटीएम वालेट होता था उनका सिम एक्टीवेट करा लेते थे। इसके बाद इलेक्ट्रानिक डाटा में छेडछाड़ कर फर्जीवाड़ा करते थे। पुलिस आरोपित से गिरोह के अन्य साथियों का पता लगा रही है।

By Vikas MishraEdited By: Published: Wed, 30 Nov 2022 08:06 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 08:06 PM (IST)
Lucknow: साइबर अपराधियों को बेच रहा था पेटीएम एक्टिवेटेड सिम, पुलिस ने एक आरोपित को दबोचा
Lucknow Crime News: पश्चिम बंगाल और वीरभूम में बेचे गए सैकड़ों सिम कार्ड

लखनऊ, जागरण संवाददाता। Lucknow Crime News: साइबर थाने की पुलिस ने पेटीएम वालेट बैंक एक्टिवेटेड सिम को साइबर अपराधियों को बेचने वाले गिरोह का राजफाश किया है। पुलिस ने कैपवेल रोड ठाकुरगंज निवासी अरबाज खान को गिरफ्तार किया है। आरोपित एफएम रेजीडेंसी, इंदिरा नगर में छिपकर रह रहा था। साइबर क्राइम पुलिस को कुछ दिनों से सीतापुर और लखीमपुर जिलों से फर्जी केवाईसी के जरिए सिम कार्ड पर पेटीएम वालेट एक्टिव कर साइबर अपराध में इस्तेमाल करने की सूचना मिल रही थी।

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छानबीन में पता चला कि ठगों ने मुख्य आरक्षी अजय प्रताप सिंह से भी एक लाख 58 हजार 999 रुपये हड़प कर अलग अलग वालेट में स्थानांतरित किए थे। इस मामले में साइबर क्राइम थाने में एफआइआर दर्ज की गई थी।साइबर क्राइम थाना प्रभारी इंस्पेक्टर मो. मुस्लिम खां ने छानबीन शुरू की। पेटीएम वालेट, मोबाइल नंबरों तथा खातों के डाटा का विश्लेषण किया गया।

पता चला कि मोबाइल नंबरों के सिम की केवाईसी लखीमपुर खीरी से हुई थी। इसके बाद लहरपुर सीतापुर में पेटीएम वालेट एक्टिवेट किए गए थे और सैकड़ों सिम कार्ड पर फुल केवाईसी पेटीएम दोबारा एक्टिवेट की गई। इसके बाद उन पेटीएम वालेट में एटीएम डिस्पैच कम्यूनिकेशन एड्रेस बदलकर उसे पश्चिम बंगाल में डिस्पैच करा दिया गया था।

पुलिस ने तकनीकी साधनों से डाटा का विश्लेषण कर अरबाज खान को दबोच लिया। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह स्मार्ट कनेक्ट ऐप के माध्यम से उपलब्ध वोडाफोन नंबर का डाटा प्राप्त करता था। फिर मोबाइल नंबरों को पेटीएम ऐप पर डालकर यह चेक करता था कि उसपर पेटीएम वालेट है या नही। गिरोह जिन मोबाइल नंबरों पर पुराना पेटीएम वालेट होता था उनका सिम एक्टीवेट करा लेते थे। इसके बाद इलेक्ट्रानिक डाटा में छेडछाड़ कर फर्जीवाड़ा करते थे। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि पश्चिम बंगाल, वीरभूमि, जामताड़ा, झारखंड व अन्य प्रदेशों में उसने साइबर अपराधियों को सिम बेचे हैं, जिसमें ठग रुपये मंगाते थे। पुलिस आरोपित के अन्य साथियों का पता लगा रही है।


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