रायबरेली में पॉक्सो कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, मासूम के साथ हैवानियत करने वाले को फांसी
यह घटना सलोन कोतवाली क्षेत्र में दो मई 2014 को घटी थी। गांव के रहने वाले एक शख्स के घर तिलक समारोह था। समारोह में शामिल होने आया गांव का ही जितेंद्र सिंह उसकी डेढ़ साल की बच्ची को खिला रहा था। बच्ची अचानक गायब हो गई।
रायबरेली, जेएनएन। छह साल पहले डेढ़ साल की मासूम के साथ हैवानियत की गई। दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई। घटना को अंजाम देने वाले को फांसी की सजा सुनाई गई है। जिला एवं सत्र न्यायालय स्थित पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विजय पाल ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया।
मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना सलोन कोतवाली क्षेत्र में दो मई 2014 को घटी थी। गांव के रहने वाले एक शख्स के घर तिलक समारोह था। समारोह में शामिल होने आया गांव का ही जितेंद्र सिंह उसकी डेढ़ साल की बच्ची को खिला रहा था। बच्ची अचानक गायब हो गई। करीब दो घंटे की खोजबीन के बाद उसका शव गांव के पास बरामद हुआ। देर रात परिवारीजनों ने कोतवाली पहुंच जितेंद्र सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई। मासूम के शव का पोस्टमार्टम हुआ तो दुष्कर्म के बाद गला दबाकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई। इस मामले की सुनवाई पाॅक्सो एक्ट की विशेष अदालत में हुई। साक्ष्यों के आधार पर विशेष न्यायाधीश से अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाई। साथ ही दो लाख 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
पाॅक्सो एक्ट के तहत पहली फांसी
महिला उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के खातिर बनाए गए पाॅक्सो एक्ट में यहां अब तक सजा तो कई आरोपितों को सुनाई गई, लेकिन किसी अपराधी को फांसी की सजा का यह जनपद में पहला मामला है। छह साल से न्याय की राह देख रहे मासूम के परिवारीजनों ने कहा कि अब जाकर बेटी को इंसाफ मिला।