मरीजों को एंटीबायोटिक की मिलेगी अब सटीक डोज, जानें कैसे Lucknow News
नई मशीन से 30 मिनट में बैक्टीरिया-फंगस का चलेगा पता। मंत्री ने शटल बस सेवा को दिखाई हरी झंडी।
लखनऊ, जेएनएन। लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में मरीजों की सुविधाओं में इजाफा हुआ। चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने ऑर्थोपैडिक के साथ-साथ माइक्रोबायोलॉजी विभाग को आधुनिक मशीनों का तोहफा दिया। आइसीयू में भर्ती मरीजों में बैक्टीरिया व फंगस की सटीक जांच हो सकेगी।
लोहिया संस्थान के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में मॉल्डीटॉफ मशीन शुरू हो गई है। ऐसे में आइसीयू में कल्चर जांच करना आसान हो गया है। पहले कल्चर जांच, बैक्टीरिया, फंगस की पहचान करने में दो दिन का वक्त लग जाता था। ऐसे में डॉक्टर अनुमान के आधार पर एंटीबायोटिक दवा चलाते थे। वहीं अब 30 मिनट में ही बैक्टीरिया व फंगस की पुष्टि हो सकेगी। साथ ही मरीज पर कौन से एंटीबायोटिक सटीक वार करेगी। यह भी तय किया जा सकेगा।
घुटना-कूल्हा प्रत्यारोपण आसान
संस्थान के आर्थोपेडिक विभाग में ऑर्थोनेवीगेशन मशीन रन हो गई है। ऐसे में अब कंप्यूटर व सॉफ्टवेयर की मदद से घुटना-कूल्हा प्रत्यारोपण हो सकेंगे। घुटने या कूल्हे में ऑपरेशन के वक्त मैनुअल काम का झंझट खत्म होगा। सेंसर-इंफ्रारेज बेस्ड सॉफ्टवेयर स्टेप-टू-स्टेप सर्जरी प्लान कर डॉक्टरों का डायरेक्शन देगा। इसके अलावा मंत्री ने लोहिया संस्थान से मातृ-शिशु रेफरल अस्पताल के लिए शटल बस सेवा की शुरुआत की।
डॉक्टर में संवेदनशीलता जरूरी
मंत्री सुरेश खन्ना ने एमबीबीएस के नए बैच के छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने कहा की आपको कौन से डॉक्टर बनना है, किसमें विशेषज्ञता हासिल करना है। यह लक्ष्य अभी से तय करें। वही संवेदनशील अवश्य बने। मरीजों के प्रति सेवाभाव अवश्य हो।