डायबिटिक रेटिनोपैथी के मरीजों को मिलेगा पांच मिनट में इलाज, केजीएमयू में चार नयी परियोजनाओं की शुरुआत
केजीएमयू के ब्राउन हाल में आयोजित कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि गुजरे पांच सालों में स्वास्थ्य सेवाओं ने काफी बेहतरी हुई है। कोविड में भी स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत बनाने में सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। अस्पतालों को वेंटिलेटर सुविधाओं से लैस किया।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। डायबिटीज से पीड़ित रोगियों में होने वाली बीमारी डयबिटिक रेटिनोपैथी के मरीजों का आपरेशन अब केजीएमयू में भी हो सकेगा। महज पांच मिनट में मरीज की आंख का इलाज संभव होगा। साथ ही पीडियाट्रिक आइसीयू में 75 बेड की बढ़ोतरी की गई है। इससे गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों का भी समुचित इलाज हो सकेगा। केजीएमयू में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने चार नई परियोजनाओं की शुरुआत की।
केजीएमयू के ब्राउन हाल में आयोजित कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि गुजरे पांच सालों में स्वास्थ्य सेवाओं ने काफी बेहतरी हुई है। कोविड में भी स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत बनाने में सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। अस्पतालों को वेंटिलेटर सुविधाओं से लैस किया। जो परियोजना हमने शुरू की, उसका लोकार्पण भी हम कर रहे हैं, यह गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक 10 में छठा व्यक्ति डायबिटीज की चपेट में हैं। अनियंत्रित डायबिटीज के मरीज डायबिटिक रेटिनोपैथी के शिकार हो जाते हैं। ऐसे मरीजों के लिए डायबिटिक रेटिनोपैथी सेंटर पर इलाज बेहतर और समय पर हो सकेगा।
कुलपति डा. बिपिन पुरी ने कहा कि 2018 में ट्रामा सेंटर में आग लगने के बाद हर बहुमंजिला भवन में फायर फाइटिंग सिस्टम और रैंप की व्यवस्था किए जाने का निर्णय लिया गया। ट्रामा सेंटर में 4.42 करोड़ से रैंप का निर्माण हुआ है। खदरा में नर्सों के रहने के लिए 10 मंजिला ट्रांजिट हास्टल बनाया गया है। इसकी लागत 74.12 करोड़ रुपये है। इसमें 4.95 करोड़ रुपये के फर्नीचर के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। डा बिपिन पुरी ने कहा कि सभी परियोजनाएं केजीएमयू के लिए वरदान साबित होंगी।