बलरामपुर अस्पताल: आइसीयू बेदम, मरीजों में कैसे भरे दम
बलरामपुर अस्पताल में आइसीयू, एचडीयू के न्यूनतम मानक भी नहीं हो रहे पूरे।
लखनऊ, [राफिया नाज]। बलरामपुर अस्पताल में लगभग दो माह पहले एसएस ब्लॉक में आइसीयू (इन्टेंसिव केयर यूनिट) शिफ्ट किया गया था। इसमें आइसीयू, एचडीयू (हाई डिपेंडेंसी यूनिट) और आइसीसीयू (इन्टेंसिव कोरोनरी केयर यूनिट) चलाने का दावा किया जा रहा है। यूनिट के बाहर बोर्ड लगाकर मरीजों की भर्ती हो रही है जबकि यहां आइसीयू के न्यूनतम मानक भी पूरे नहीं किए जा रहे हैं।
756 बेड के बलरामपुर अस्पताल की न्यू बिल्डिंग में आइसीयू यूनिट चलती थी। जहां की स्थिति काफी खराब थी, अस्पताल को डीएनबी (डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड) कोर्स के मानक पूरे करने थे। ऐसे में आनन फानन आइसीयू को एसएस ब्लॉक में पूरी यूनिट के साथ शुरू किया गया। इसमें आठ-आठ बेड का एचडीयू, आइसीयू और आइसीसीयू शुरू कर दिया गया, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं दिया गया।
आइसीयू के मानक अधूरे
आइसीयू का इमरजेंसी और कैजुअल्टी से कनेक्शन के साथ ओटी, रेडियो इमेजिंग, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और बायोकेमेस्ट्री लैब और ब्लड बैंक की 24 घंटे सुविधा होनी चाहिए। आइसीयू इंचार्ज और 24 घंटे एनेस्थेटिस्ट, प्रशिक्षित नर्सिग एवं पैरामेडिकल स्टाफ, सुपर स्पेशियलिटी मेडिकल और सर्जरी डिविजन, आइसीयू टेक्नीशियन, रेडियोग्राफर, डायटीशियन, साइकोलॉजिस्ट, फार्मासिस्ट की भी तैनाती होना चाहिए। इसके अलावा नर्सिग स्टेशन की सुविधा। इंफेक्शन कंट्रोल, हैंड हाइजीन, इंटरनेशनल एंड नेशनल प्रोटोकॉल को फॉलो किया जाना चाहिए। मल्टी चैनल मॉनीटर, प्रति बेड या 40 से 50 फीसद वेंटिलेटर सुविधा के साथ डिफ्रिबिलेटर, इंफ्यूजन पंप, फाइब्रो-ऑप्टिक ब्रॉन्कोस्कोप, यूएसजी उपकरण, एक्सरे, एसी आदि होना चाहिए। पर, यहां दो-चार पुराने मॉनीटर के सहारे काम चलाया जा रहा है। इंवेजिव वेंटिलेटर मौजूद हैं जिनका उपयोग भी नहीं किया जाता है।
सफाई का भी नहीं रखते ध्यान
आइसीयू, एचडीयू और आइसीसीयू में सबसे पहले साफ-सफाई देखी जाती है। यहां तीमारदारों को तो छोड़िए डॉक्टर भी बिना शू-कवर और कैप के अंदर जाते हैं। इमरजेंसी मेडिसिन ट्रॉली में भी सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है। बेडशीट भी गंदी रहती है।
क्या कहते हैं निदेशक ?
बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन का कहना है कि हमने आइसीयू के लिए निदेशालय से एचआर और उपकरणों की मांग की है। इसलिए अभी आइसीयू के मानक पूरे नहीं हो पा रहे हैं।