KGMU के दावे फेल, अब तक 'वेंटिलेटर' पर डायलिसिस यूनिट
डायलिसिस यूनिट में अभी भी नहीं हो पा रही असाध्य रोगियों की। केजीएमयू प्रशासन ने स्थिति को सुधारने के लिए उठाए थे कदम।
लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू के शताब्दी अस्पताल में स्थित नेफ्रोलॉजी विभाग की डायलिसिस यूनिट में अभी भी असाध्य रोगियों की डायलिसिस ठीक से नहीं हो पा रही है। यहां मशीनें ठीक न होने व स्टॉफ की शिकायत आने के बाद बीते दिनों केजीएमयू ने मेडिसिन विभाग के तीन डॉक्टरों की टीम तैनात की गई थी। फिर भी शुक्रवार को हालात जस के तस ही थे।
केजीएमयू की डायलिसिस यूनिट में डॉक्टरों, स्टॉफ की कमी व मशीनों के खराब होने के साथ-साथ निजी कंपनी का दो करोड़ रुपये बकाया हैं। ऐसे में इस यूनिट में डायलिसिस बमुश्किल हो पा रही है। असाध्य रोगियों जिनकी यहां पर मुफ्त डायलिसिस होनी चाहिए उन्हें बीते दो दिन पहले यहां से भगाया जा रहा था। हंगामे के बाद केजीएमयू प्रशासन ने हस्तक्षेप कर कुछ मरीजों की डायलिसिस करवाई और मेडिसिन विभाग के तीन डॉक्टरों को यहां पर तैनात किया। मगर फिर भी यहां पर हालात सुधर नहीं रहे हैं।
शुक्रवार को डायलिसिस के लिए आए कई मरीजों को वापस जाना पड़ा। दरअसल, बीते दिनों नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. संत कुमार पांडेय द्वारा इस्तीफा देने के बाद से यहां की स्थिति पटरी से उतर गई है। उधर केजीएमयू के मीडिया इंचार्ज प्रो. संतोष कुमार ने बताया कि डायलिसिस यूनिट को ढंग से चलाने के लिए जो भी जरूरी उपाए हैं किए जा रहे हैं।