इमरजेंसी से मरीज को निकाला बाहर, व्हीलचेयर पर हुई मौत
लारी कॉर्डियोलॉजी में इमरजेंसी से मरीज को बाहर निकालने के बाद हुई मौत परिजनों ने किया हंगामा।
लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू के लारी कार्डियोलॉजी में डॉक्टरों ने संवेदनहीनता की हद पार कर दीं। उन्होंने बुजुर्ग का अधूरा इलाज कर बाहर कर दिया। वहीं इमरजेंसी के बाहर मरीज की सांसे थम गईं। इस दौरान परिजनों ने रात में हंगामा किया।
लाजपत नगर निवासी राजेंद्र सिंह (85) को सीने में दर्द हुआ। परिजन उन्हें बुधवार को लारी कार्डियोलॉजी लेकर पहुंचे। बेटे रंजीत सिंह के मुताबिक पिता राजेंद्र को दोपहर दो बजे डॉक्टरों ने इमरजेंसी में भर्ती किया। ईसीजी जांच कीं। वहीं तीन-चार घंटे तक इलाज भी किया। इसके बाद ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने रक्त की जांच लिखी। इसके बाद अधूरा इलाज कर इमरजेंसी से बाहर कर दिया।
परिजन गए जांच कराने, तड़पता रहा बुजुर्ग : इमरजेंसी में राजेंद्र सिंह को ट्रॉप-टी जांच लिखी गई। परिजन रक्त का सैंपल लेकर ट्रामा सेंटर गए। वहीं मरीज राजेंद्र रात आठ बजे तक इमरजेंसी के बाहर व्हीलचेयर पर कराहते रहे। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। परिजन व्हीलचेयर खींचकर टिनशेड के नीेचे ले गए। थोड़ी ही देर में हालत गंभीर हो गई।
हंगामा, गार्डो से नोकझोंक, आधा घंटा इलाज ठप : राजेंद्र की रात साढ़े आठ बजे व्हीलचेयर पर सांसें उखड़ने लगीं। परिजन टिनशेड से लेकर इमरजेंसी की तरफ भागे। इसी दरम्यान राजेंद्र की मौत हो गई। आक्रोशित तीमारदारों ने हंगामा किया। इस दौरान गार्डो ने परिजनों को इमरजेंसी के अंदर जाने से रोक दिया। गार्डो से काफी देर तक नोकझोंक भी हुई। इस दौरान आधा घंटा तक इमरजेंसी में सेवाएं बाधित रही।
केजीएमयू के प्रवक्ता सुधीर कुमार के मुताबिक मरीज की उम्र काफी थी। उन्हें एटिल फेब्रिलेशन हो गया था। इसमें हार्ट रेट काफी बढ़ जाती है। ऐसे में उन्हें दवा दी गई। स्थिति काबू में आने पर मरीज को बाहर भेज दिया गया। साथ ही ट्रॉप-टी जांच लिख दी गई। रिपोर्ट आने से पहले मरीज की मौत हो गई।