बलरामपुर अस्पताल में नहीं मिला वेंटिलेटर, मरीज की मौत
ट्रॉमा सेंटर से लेकर बलरामपुर अस्पताल तक दौड़ाया गया मरीज। बलरामपुर से लोहिया जाते समय हो गई मौत।
By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 10:20 AM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 10:20 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। सीतापुर जिला अस्पताल से वेंटिलेटर के लिए रेफर किया गया मरीज राजधानी में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर लगाता रहा, लेकिन उसे वेंटिलेटर नहीं मिला और उसकी मौत हो गई। बलरामपुर अस्पताल से मरीज को लोहिया अस्पताल रेफर किया गया, जहां रास्ते में मरीज ने दम तोड़ दिया। तीमारदारों का आरोप है कि वेंटिलेटर नहीं मिल पाया। इस वजह से मरीज की मौत हो गई।
सीतापुर के लहरपुर बहरवां गांव निवासी विश्राम (45) को शुक्रवार को ब्रेन हेमरेज हुआ था। तीमारदारों ने आनन फानन जिला अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया। शनिवार सुबह मरीज की हालत गंभीर हो गई। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज को वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत बताकर केजीएमयू रेफर किया। दोपहर करीब एक बजे तीमारदार मरीज को लेकर ट्रॉमा लेकर आए, जहां वेंटिलेटर खाली न होने की बात कहकर वापस लौटा दिया गया। करीब डेढ़ बजे भाई बद्री मरीज को एंबुलेंस लेकर बलरामपुर इमरजेंसी पहुंचे। भाई का आरोप है वहां डॉक्टर ने वेंटिलेटर खाली न होने की बात कहकर वापस कर दिया।
तीमारदार मरीज को लेकर लोहिया अस्पताल जा रहे थे तभी एंबुलेंस में मरीज की मौत हो गई। भाई का आरोप है कि बलरामपुर अस्पताल के आइसीयू में वेंटिलेटर खाली होने बावजूद मरीज को भर्ती नहीं किया गया। वह मामले की शिकायत लेकर निदेशक कार्यालय तक गया मगर वह नहीं मिले। पीडि़त का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही व संवेदनहीनता से उसके भाई की जान चली गई। उसने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से करने की बात कही है।
वेंटिलेटर है, लेकिन ऑपरेट करने के लिए स्टाफ नहीं
अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन ने बताया कि हमारे यहां अभी चार नॉन इंवेजिव वेंटिलेटर हैं। अभी यहां वेंटिलेटर के लिए पद भी सृजित नहीं हुए हैं। केवल अस्पताल में भर्ती मरीज को किसी तरह से वेंटिलेटर की जरूरत होने पर हम मैनेज करते हैं। अभी हम किसी गंभीर मरीज को मैनेज करने की स्थिति में नहीं हैं। इसलिए रेफर कर देते हैं।
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