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पद्मश्री कलीमुल्ला को हार्ट अटैक, लारी में नहीं मिला इलाज

परिजनों ने निजी अस्पताल में कराया भर्ती, धमनी में ब्लॉकेज, एंजियोप्लास्टी कर बचाई गई जान

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Apr 2018 10:30 AM (IST)Updated: Thu, 26 Apr 2018 10:30 AM (IST)
पद्मश्री कलीमुल्ला को हार्ट अटैक, लारी में नहीं मिला इलाज
पद्मश्री कलीमुल्ला को हार्ट अटैक, लारी में नहीं मिला इलाज

लखनऊ (जागरण संवाददाता)। पद्मश्री कलीमुल्ला को हार्ट अटैक हो गया। परिजन उन्हें मलिहाबाद से लारी लेकर पहुंचे। मगर इमरजेंसी के डॉक्टर उन्हें दौड़ाते रहे। इलाज में कोताही होते देख परिजन उन्हें रात में ही निजी अस्पताल लेकर चले गए।

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पद्मश्री कलीमुल्ला ने आम की तमाम प्रजातियां विकसित की हैं। इसके लिए उन्हें कई बार सम्मानित किया जा चुका है। सोमवार शाम को एक मित्र के इंतकाल में गए थे। नाती आलिम के मुताबिक रात साढ़े आठ बजे उनके सीने में दर्द होने लगा। ऐसे में स्थानीय डॉक्टर को बुलाया गया। मगर राहत नहीं मिली। लिहाजा, रात में ही मलिहाबाद से केजीएमयू के लारी में लाया गया। आरोप है कि यहां इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टरों ने पहले तो मरीज को नजरंदाज कर दिया। काफी कहने पर ईसीजी की, इसके बाद ब्लड जांच कराने के लिए ट्रामा सेंटर भेज दिया। वहीं कलीमुल्ला की हालत बिगड़ती चली गई। रात पौने ग्यारह बजे तक परिवारीजन कलीमुल्ला के इलाज के लिए लारी में जद्दोजहद करते रहे। डॉक्टरों ने परिजनों को निकाला बाहर

आलिम के मुताबिक नाना कलीमुल्ला की हालत गंभीर हो गई। लारी के डॉक्टर उन्हें बेड पर लिटाए रखा। सिर्फ जांच का सैंपल थमाकर परिजनों को बाहर निकाल दिया। कहा, कि आवाज देने पर ही अंदर आना। वहीं अंदर इलाज भी नहीं किया। कलीमुल्ला की हाल बिगड़ती गई। ऐसे में उन्हें इमरजेंसी से निकाल लिया। रात में उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया। धमनी में ब्लॉकेज, एंजियोप्लास्टी से मिली राहत

कलीमुल्ला को सोमवार रात को गोमतीनगर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉ. आयुष शुक्ला ने बताया कि कलीमुल्ला को हार्ट अटैक हुआ था। ऐसे में एंजियोग्राफी की गई। इसमें मुख्य धमनी 90 फीसद ब्लॉक पाई गई। लिहाजा, एंजियोप्लास्टी कर स्टेंट लगाया गया। उनकी हालत में सुधार है। केजीएमयू के सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार ने बताया कि मेरी जानकारी में मामला आया है। परिजनों को तुंरत मुझसे या पीआरओ से संपर्क करना चाहिए था। उन्हें तुंरत इलाज मिलता। ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए डॉक्टरों को निर्देश दिए गए हैं।


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