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नेता और अधिकारियों के पक्ष में सिस्टम : मिल्खा सिंह

फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का स्पष्ट मानना है कि राष्ट्रीय खेल संघों में नेता और अधिकारी तो रहेंगे, क्योंकि हमारा सिस्टम ऐसा ही बनाया गया है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 13 Jan 2017 11:25 PM (IST)Updated: Sat, 14 Jan 2017 10:09 AM (IST)
नेता और अधिकारियों के पक्ष में सिस्टम : मिल्खा सिंह
नेता और अधिकारियों के पक्ष में सिस्टम : मिल्खा सिंह

लखनऊ (जेएनएन)। फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह अपने तीखे अंदाज के लिए विख्यात है। मिल्खा का स्पष्ट मानना है कि राष्ट्रीय खेल संघों में नेता और अधिकारी तो रहेंगे, क्योंकि हमारा सिस्टम ऐसा ही बनाया गया है। उनका मानना है कि संघों में बतौर एक्सपर्ट खिलाडिय़ों की भूमिका बढऩी चाहिए।

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शुक्रवार को लखनऊ आए मिल्खा सिंह ने कहा कि खेल संघों में पदाधिकारियों का चुनाव होता है। चुनाव में वोट मैनेज किए जाते हैं, ऐसे में खेल संघ भी अपवाद नहीं है। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष पद पर पूर्व हॉकी कप्तान परगट सिंह को एक बुजुर्ग नेता विद्या स्टोक्स से करारी शिकस्त मिली। कारण साफ था परगट खेल को तो जानता है, लेकिन चुनाव जीतना नहीं।

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प्रशासक दूसरी चीजों पर ध्यान दें

मिल्खा सिंह ने कहा कि नेताओं और अधिकारियों के रहने से काम आसानी से हो जाते हैं। खिलाडिय़ों को एक्सपर्ट के तौर पर जोड़कर खेल संबंधित चीजें उन्हें सौंप देनी चाहिए। वे खेल को अच्छी तरह जानते और समझते हैं। प्रशासक दूसरी चीजों पर ध्यान दें। मिल्खा सिंह ने कहा कि सफलता सिर्फ बात करने से नहीं मिलती, उसके लिए काम करना होगा। प्रधानमंत्री मोदी कह रहे हैं कि 2020 ओलंपिक में हमारी झोली पदकों से भरी होगी, लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता। हमारे केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल अच्छी नीयत से काम कर रहे हैं। उन्होंने सभी खेलों को एक छत के नीचे लाने की बात कही है, लेकिन मैं कहता हूं कि केंद्रीय मंत्री परिषद में राजवर्धन सिंह राठौर जैसा मंत्री है, जो ओलंपिक में रजत पदक जीत चुका है। फिर उन्हें क्यों नहीं खेल मंत्रालय की कमान दी जाती है। उन्हें पता है कि भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (आइओए), भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) से कैसे और किस तरह का काम लेना है।

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1958 में ही नेता बन जाता

खुद के राजनीति के सवाल पर मिल्खा सिंह ने कहा कि मुझे राजनीति में ज्यादा रुचि नहीं है। अगर मैं चुनाव लडऩा चाहता तो 1958 में ही ऐसा हो जाता। यादों के झरोखे में झांकते हुए मिल्खा सिंह बताते हैं कि तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू चाहते थे कि मैं राजनीति में आऊं और देश की सेवा करूं। मगर मैंने तब भी कहा कि मैं खिलाड़ी हूं। यह काम ही बेहतर कर सकता हूं। पंजाब चुनावों में ड्रग का मुद्दा छाया हुआ है। मिल्खा सिंह ने स्वीकार किया कि पंजाब में ड्रग्स की समस्या है। हालांकि इसके साथ ही वह कहते हैं कि हालात कुछ सुधरे हैं। जल्द ही इस समस्या से निजात भी मिल जाएगी।


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