OTS-2020 को मंजूरी, विकास प्राधिकरण-आवास विकास परिषद के डिफाल्टरों को मिली दंड ब्याज से छूट
सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में प्राधिकरणों व परिषद के डिफॉल्टर आवंटियों के मामलों को विनियमित करने के लिए फिर से ओटीएस योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
लखनऊ, जेएनएन। यदि आप विकास प्राधिकरण-आवास विकास परिषद से आवंटित भवन-भूखंड की समय से किस्त नहीं जमा कर सके हैं और बढ़ता दंड ब्याज परेशान कर रहा है तो राज्य सरकार ने आपको बड़ी राहत दी है। सरकार ने डिफाल्टर (बकाएदार) आवंटियों के लिए ओटीएस (वन टाइम सेटेलमेंट-2020) योजना लागू करने हुए उन्हें दंड ब्याज से छूट देने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में प्राधिकरणों व परिषद के डिफॉल्टर आवंटियों के मामलों को विनियमित करने के लिए फिर से ओटीएस योजना लागू करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। योजना के तहत गणना के बाद 50 लाख रुपये तक की धनराशि वाले प्रकरणों में कुल चार माह तथा 50 लाख रुपये से अधिक तक की धनराशि वाले मामलों में कुल धनराशि सात माह में जमा करने की सुविधा रहेगी।
कुल धनराशि एकमुश्त जमा करने पर देय धनराशि पर दो फीसद छूट मिलेगी। योजना में बकायेदार आवंटियों को जहां दंड ब्याज नहीं देना पड़ेगा वहीं आवंटन के वक्त किस्तों पर लागू दर से सिर्फ साधारण ब्याज ही देना होगा। सूबे के सभी प्राधिकरण व परिषद में एक समान योजना लागू करने के लिए आवास विभाग ने सॉफ्टवेयर भी तैयार कराया है।
योजना संबंधी शासनादेश जारी होने की तिथि से एक माह तक उसका प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इसके बाद तीन माह की अवधि में ऑनलाइन/ऑफलाइन आवेदन लिए जाएंगे। आवेदन प्राप्ति की तिथि से तीन माह में उन्हें निस्तारित करने की व्यवस्था रहेगी। गौरतलब है कि प्राधिकरणों व परिषद के डिफॉल्टर आवंटियों के लिए पहले-पहल वर्ष 2000 में ओटीएस योजना लागू की गई थी। संशोधनों के साथ 31 मार्च 2017 तक योजना प्रभावी रही है।
प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने बताया कि अभी भी प्राधिकरणों तथा परिषद में 42 हजार से ज्यादा डिफॉल्टर होने के कारण सरकार ने ओटीएस योजना लागू करने का फैसला किया है। कुमार ने बताया कि ओटीएस योजना लागू करने संबंधी शासनादेश एक-दो दिन में जारी कर दिया जाएगा।