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मुजफ्फरनगर हिंसा : गोली मारने से भी नहीं हिचकेगी पुलिस

जागरण ब्यूरो, लखनऊ। मुजफ्फरनगर और आस-पास के जिलों में जरूरत पड़ी तो दंगाइयों को गोली म

By Edited By: Published: Mon, 09 Sep 2013 01:35 AM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2013 09:12 AM (IST)
मुजफ्फरनगर हिंसा : गोली मारने से भी नहीं हिचकेगी पुलिस

जागरण ब्यूरो, लखनऊ। मुजफ्फरनगर और आस-पास के जिलों में जरूरत पड़ी तो दंगाइयों को गोली मारने से भी सरकार नहीं हिचकेगी। रविवार को गृह सचिव कमल सक्सेना और पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ आशीष गुप्ता ने माना कि मुजफ्फरनगर में सेना और दंगाइयों के बीच जवाबी फायरिंग भी हुई है। अधिकारियों के मुताबिक गांवों में तनाव फैल चुका है, जिससे बात बिगड़ी। दावा किया कि रविवार को दोपहर दो बजे के बाद से स्थिति नियंत्रित है। हालांकि मुजफ्फरनगर और आस-पास के इलाकों से दोपहर बाद भी वारदातों की खबर आ रही है।

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पत्रकारों से बातचीत में सक्सेना और गुप्ता ने बताया कि सभी संवेदनशील गांव चिन्हित कर लिए गये हैं और जहां किसी एक समुदाय के अल्पसंख्यक लोग हैं, उन्हें सुरक्षा प्रदान की गयी है। दंगाइयों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने के भी निर्देश दिए गये हैं। आइजी एसटीएफ ने कहा कि बल्क एसएमएस, ट्विटर, फेसबुक के जरिए अफवाह फैलाई जा रही है, इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि वाट्सएप के जरिए एक पुरानी वीडियो क्लिप चलाकर उसे मुजफ्फरनगर की घटना से जोड़ा जा रहा है। आशंका है कि यह क्लिप देश के बाहर की है। गुप्ता ने बल्क एसएमएस पर कंट्रोल कर पाने में असमर्थता जताई, लेकिन भरोसा दिया कि अब माहौल ठीक हो रहा है और स्थिति नियंत्रण में है। अधिकारियों ने स्थानीय अभिसूचना इकाई के फेल हो जाने के सवाल को खारिज करते हुए कहा कि महापंचायत की अनुमति नहीं दी गयी थी। लेकिन अनुमति न देने पर भी महापंचायत में एक लाख की भीड़ जुटने के सवाल का जवाब नहीं दे सके। इतना जरूर कहा कि इतनी भीड़ आने का अनुमान था, इसलिए पर्याप्त पुलिस बल लगाया गया। सेना और ग्रामीणों के बीच जवाबी फायरिंग के संदर्भ में बताया कि एक गांव में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना ने गोली चलाई तो छतों से जवाबी फायरिंग हुई। नियंत्रण में लगे दो सिपाहियों को भी गोली लगी है। एक समुदाय को बचाने में सिपाही ने बहादुरी और साहस का परिचय दिया। इतने दिन से बवाल होने और स्थिति संभल न पाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुख्य वजह देहात के इलाकों में बवाल फैलने से हुआ।

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बकौल सरकार एक नजर खास घटनाओं पर

- मुजफ्फरनगर के पांच क्षेत्रों सिसौली, शाहपुर, फुगाना, भंवराकला और कलापार में बवाल।

- मुजफ्फरनगर के सिविल लाइंस, कोतवाली और नई मंडी थाना क्षेत्र में क‌र्फ्यू।

- कुल 19 की मौत, रविवार को आठ की मौत, 40 घायल।

- अभी तक 52 लोगों की गिरफ्तारी। इनमें कई अभियुक्त और कई पर निरोधात्मक कार्रवाई।

- हर थाना क्षेत्र में दो कंपनी अ‌र्द्धसैनिक बल तैनात।

- मुजफ्फरनगर में 17 कंपनी अ‌र्द्धसैनिक बल। 13 कंपनी पहले से मौजूद।

- 18, एएसपी, 23 डीएसपी, 119 निरीक्षक, 300 आरक्षी भी तैनात।

- कुल 19 कंपनी पीएसी भी तैनात।

- मुजफ्फरनगर में आठ कालम और शामली में भी एक कालम सेना तैनात।

- मेरठ में सेना का फ्लैग मार्च।

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अनुभवी अफसरों को सौंपी जिम्मेदारी

सूबे के सांप्रदायिक हालात को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के तेवर सख्त हैं और उन्होंने दो टूक कह दिया है कि दंगा-फसाद में लिप्त किसी भी दोषी को बख्शेंगे नहीं। उन्होंने अफसरों पर भी सख्ती की है और पूरा सरकारी अमला हालात पर काबू पाने में जुटा है। राज्य सरकार ने अनुभवी अफसरों को हालात पर नियंत्रण की जिम्मेदारी सौंपी है। रविवार की सुबह अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था अरुण कुमार मुजफ्फरनगर पहुंच गये। वहां एटीएस के कमांडो भी भेजे गये हैं। पुलिस महानिरीक्षक एटीएस राजीव सब्बरवाल को मुजफ्फरनगर, अभय कुमार प्रसाद को शामली, जेएन सिंह को बागपत और चन्द्रप्रकाश को सहारनपुर की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। इसके अलावा पुलिस अधीक्षक अमित पाठक, राजू बाबू सिंह और विजय भूषण को भी इसी टास्क पर लगाया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक राजकुमार विश्वकर्मा तीन दिनों से पश्चिम के जिलों की पुलिस का मार्गदर्शन कर रहे हैं। वहां एडीजी रेलवे मुकुल गोयल भी जमे हुए हैं।

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