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एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में बड़े खेल की आशंका, प्रकाशक पर एफआइआर के आदेश

एनसीईआरटी पुस्तकों की डिजाइन कॉपी कर महंगी दरों पर बेचे जाने का मामले में सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद ने कहा, होगा सख्त एक्शन।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 08:50 PM (IST)Updated: Thu, 25 Oct 2018 08:50 PM (IST)
एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में बड़े खेल की आशंका, प्रकाशक पर एफआइआर के आदेश
एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में बड़े खेल की आशंका, प्रकाशक पर एफआइआर के आदेश

लखनऊ, (जेएनएन)। यूपी बोर्ड के एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में बड़े खेल की आशंका है। सरकारी किताबों की डिजाइन कॉपी कर बाजार में महंगी दरों पर बेचा गया है। भंडाफोड़ के बाद अब प्रकाशक पर एफआइआर का आदेश दिया गया। दरअसल, राज्य सरकार ने यूपी बोर्ड में पहली बार एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया। ऐसे में माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पुस्तकों को उपलब्ध कराने के लिए तीन प्रकाशकों से करार किया गया। वहीं प्रकाशकों ने सस्ती सरकारी किताबों की पर्याप्त उपलब्धता नहीं कराई।

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इसी बीच बैक डोर से सरकारी किताबों की डिजाइन की हूबहू व कुछ मिलती-जुलती कवर वाली पुस्तकों की खेप भेज दी गई। लिहाजा, छात्र-छात्राएं तीन से चार-गुना महंगी किताबें बाजार से खरीदने को मजबूर हुए। दैनिक जागरण ने 17 अक्टूबर के अंक में मामले का भंडाफोड़ किया। माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव नीना श्रीवास्तव ने राजीव प्रकाशन पर एफआइआर के आदेश देने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए गुरुवार को संबंधित अधिकारी को निर्देश दे दिए हैं।

छापामारी में गायब मिलीं थीं सरकारी किताबें

दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद सचिव माध्यमिक शिक्षा संध्या तिवारी ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। ऐसे में 17 अक्टूबर को दोपहर बाद संयुक्त निदेशक मंडल षष्ठ सुरेंद्र तिवारी व डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार व विज्ञान अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार ने दुकानों पर छापा मारा। थोक दुकानों पर सरकारी किताबें गायब मिलीं, वहीं निजी की भरमार मिली। इन किताबों के कवर पर 'राजीव' नाम दर्ज पाया था। ऐसे में उन्होंने इस खेल में सरकार के साथ करार करने वाले प्रकाशक की संलिप्तता बताई थी।  माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि राजीव प्रकाशन को नोटिस भेजी गई थी। वहीं अब प्रकाशक पर एफआइआर का आदेश दिया गया है। अभी और सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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