अवैध डेयरियों के खिलाफ 21 से चलेगा ऑपरेशन All Out, हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन सख्त
1034 डेयरियां हैं शहर के रिहायशी इलाकों में। डीएम ने की नगर आयुक्त और एसएसपी संग बैठक। 20 तक का समय खुद नहीं हटे तो जबरन हटाए जाएंगे।
लखनऊ, जेएनएन। रिहायशी इलाकों में चल रही अवैध डेयरियों की वजह से दरुगध और सड़कों पर घूमते मवेशियों से जल्द राहत मिलेगी। अफसरों का दावा है कि 21 जून से शहरी इलाके में अवैध डेयरियां नजर नहीं आएंगी। शहरवासियों की परेशानी का कारण बनीं 1034 अवैध डेयरियों को हटाने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।
दरअसल, हाईकोर्ट ने 21 मई को अपने आदेश में बेसहारा पशुओं को पकड़ने के साथ ही डेयरियों को शहरी सीमा से हटाने को कहा था। इसी के मद्देनजर मंगलवार को जिलाधिकारी डॉ. कौशल राज शर्मा ने एसएसपी कलानिधि नैथानी और नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने अधिकारियों के साथ बैठक की। नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि डेयरियां हटाने की कार्ययोजना बन गई है। डेयरी संचालकों को बीस जून तक पशुओं को शहर से बाहर ले जाने को कहा गया है, अगर तय समय पर यह नहीं हुआ तो 21 जून से नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस डेयरियों को बलपूर्वक हटाएगी।
एक डेयरी में 20 से 50 तक मवेशी
हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम की गिनती में डेयरियों की 1034 संख्या और वहां पशुओं के मात्र आठ हजार पता चली थी। हालांकि इस संख्या पर पर सवाल खड़े हुए। हकीकत यह है कि एक डेयरी में बीस से लेकर पचास तक पशु हैं।
गंदगी की वजह बनीं
खदरा में कुछ साल पहले संक्रामक रोगों से हुई मौतों के लिए डेयरियों की गंदगी को कारण माना गया था। नालियों में ही गोबर को बहाया जाता है। पुलिस व नगर निगम की सेहत का कारण बनी डेयरियों के संचालक दंबगई भी करते हैं और शिकायतकर्ता को धमकाते भी हैं। कल्याणपुर में तो विरोध करने वालों को डेयरी संचालकों ने मारा पीटा भी था।
पहले भी आए आदेश
27 मई 1999 को भी हाईकोर्ट ने शहरी सीमा से डेयरियों को हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर नगर निगम व पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाते हुए करीब 35 सौ डेयरियों को शहरी सीमा से बाहर किया था। शहरी सीमा में दोबारा डेयरी न चलें, यह जिम्मा पुलिस का था। इसके बावजूद ये डेयरियां फिर खुल गई हैं। इसके बाद कोर्ट ने 21 मई को फिर डेयरियां हटाने का आदेश दिया।
यहां बनाई गई थी कैटल कॉलोनी
डेयरियां शिफ्ट करने के लिए वर्ष 1999 में हाईकोर्ट के आदेश पर कैटल कॉलोनी बनी थी। बालागंज, पारा के मुन्नू खेड़ा में अैर इंदिरानगर तकरोही में यह कॉलोनी बनी थीं, यहां डेयरियां खुलीं, कुछ दिन बाद फिर डेयरियां शहर में पहुंच गईं।
कई बार हुई कवायद
हाईकोर्ट सख्ती दिखाता है तो डेयरियां हटाने की कवायद शुरू हो जाती है। इस बार फिर तेजी दिखाई जा रही है। अब देखना है कि इस बार कवायद कितनी सफल हो पाती है।
नगर निगम ने तय की सीमा
फैजाबाद रोड पर चिनहट, सीतापुर रोड पर सेमरा गांव, कानपुर रोड पर दारोगा खेड़ा, सुलतानपुर रोड पर कटाई का पुल, रायबरेली रोड पर पीजीआइ के आगे ही डेयरियां खोली जा सकती हैं।
इन इलाकों में ज्यादा आतंक
गोमतीनगर के ग्वारी, उजरियांव, जियामऊ, इंदिरानगर, अलीगंज, जानकीपुरम, आलमबाग, सवरेदयनगर, रहीमनगर, कल्याणपुर, महानगर, कानपुर रोड एलडीए कालोनी, मानसनगर, आलमनगर, कृष्णानगर, खदरा, डालीगंज, त्रिवेणीनगर समेत शहर के अन्य क्षेत्रों में।
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