यूपी बोर्ड : परीक्षा कक्ष में अब एक ही सीसी कैमरा लगेगा
शासन ने प्रस्तावित बोर्ड परीक्षा के सत्यापन के साथ-साथ नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए तैयारी भी पुख्ता कराने के निर्देश दिए हैं।
लखनऊ, जेएनएन। यूपी बोर्ड परीक्षा को नकलविहीन कराने पर मंथन जारी है। उधर, अब नियमों को कुछ ढील भी दी गई है। शासन ने कक्षों में दो सीसी कैमरे लगाने का फैसला पलट दिया है। ऐसे में पूर्व की भांति कक्ष में एक ही कैमरा लगेगा। 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा सात फरवरी से हैं। राजधानी में इस बार 99 हजार, छह सौ छात्र-छात्रओं ने फॉर्म भरा है।
बोर्ड परीक्षा के लिए 144 केंद्र बनाए गए हैं। इस दौरान शासन ने प्रस्तावित बोर्ड परीक्षा के सत्यापन के साथ-साथ नकलविहीन परीक्षा कराने के तैयारी भी पुख्ता कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें पहले कक्ष में एक फ्रंट व एक बैक साइड में सीसीटीवी लगाने का बदलाव किया गया है। डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार का दावा है कि दो कैमरा लगाने में तकनीकी समस्या आ रही थी। कारण, उसी से कनेक्ट होकर वायस रिकॉर्डर भी लगना है। ऐसे में केंद्रों को अब वायस रिकॉर्डर के साथ एक ही कैमरा लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
कहीं पैसा नहीं बना अड़ंगा : दरअसल, राजकीय व सहायता प्राप्त स्कूल डबल कैमरा लगाने के लिए धन की मांग कर रहे थे। सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रबंधन व प्रधानाचार्यो ने इसके लिए अफसरों को पत्र भी लिखा था। ऐसे में आशंका है कि बजट की वजह से एक ही कैमरा लगाने का फैसला लिया गया। कारण, इस फैसले से नए केंद्रों को जहां सिस्टम बनाना महंगा पड़ता, वहीं पुराने केंद्रों को भी वायरिंग आदि अपडेट करानी पड़ती।
इस बार 38 नए विद्यालय बने सेंटर
सत्र 2017-18 में जनपद में एक लाख छह हजार, 424 छात्रों ने बोर्ड परीक्षा दी थी। इसके लिए 136 स्कूल व एक जेल को केंद्र बनाया गया था। वहीं इस बार छह हजार के करीब छात्रों की संख्या कम है, बावजूद 144 केंद्र बनाए गए हैं। अधिक केंद्र बनाने पर माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय मंत्री आरपी मिश्र ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने अधिकतम 120 केंद्र ही पर्याप्त बताए हैं। इस बार 38 के करीब नए सेंटर बनाए गए हैं।
केंद्रों को लेकर 85 शिकायत
केंद्रों को लेकर आपत्तियां दर्ज कराने का समय पूरा हो गया है। डीआइओएस कार्यालय में 85 के करीब आपत्तियां आई हैं। इसमें केंद्र की दूरी अधिक बनाने समेत अन्य शिकायतें हैं। वहीं मानक पूरे होने के बावजूद केंद्र न बनाए जाने पर भी कई विद्यालयों के प्रबंधन ने आपत्ति दर्ज कराई है।
स्कूलों में कैमरा गायब, फर्नीचर का संकट
बोर्ड परीक्षा के केंद्रों का सत्यापन शुरू कर दिया गया है। डीआइओएस ने बुधवार को दो स्कूलों का निरीक्षण किया। इसमें पहली बार केंद्र बने स्कूल में व्यवस्थाएं चरमराई मिलीं। डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार के मुताबिक मनोहर लाल पब्लिक स्कूल कन्नी खेड़ा को पहली बार परीक्षा केंद्र चुना गया। निरीक्षण में स्कूल में एक भी सीसी कैमरा नहीं मिला। वहीं छात्रओं के बैठने की लिए फर्नीचर का पर्याप्त बंदोबस्त भी नहीं था। कक्षों में फर्नीचर तीन सौ बच्चों को परीक्षा में बैठाने के अनुसार नहीं पाया गया। इसके अलावा हॉल में बड़े-बड़े होल पाए गए हैं। पूरी व्यवस्था तीन दिन में दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे ही आदर्श इंडिया इंटर कॉलेज पतेंहदा में वॉयस रिकॉर्डर नहीं मिले। दोनों कॉलेज को दोबारा निरीक्षण कर रिपोर्ट परिषद को भेजी जाएगी।