अयोध्या शोध संस्थान दे रहा रामलीला का ऑनलाइन प्रशिक्षण, शुरू हुआ ऑनलाइन सार्टिफिकेट कोर्स
अयोध्या में लॉकडाउन के दौरान पारंपरिक विधा को बचाए रखने के लिए विकसित हुई नई राह ऑनलाइन दिया जा रहा है प्रशिक्षण।
अयोध्या, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के संकट में यदि रामलीला जैसे आयोजनों का प्रवाह बाधित हुआ, तो अयोध्या शोध संस्थान ने इस विधा की प्रासंगिकता बनाये रखने की नयी राह खोज ली और यह चिर-परिचित मंचीय परंपरा से कहीं अधिक संभावनाशील मानी जा रही है। इस क्रम में शोध संस्थान ने छह महीने का ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है।
संस्थान को उम्मीद है कि इस कोर्स से भारतीयों के अलावा विदेशों में बसे लोगों को भारतीय शैली की रामलीला के मंचन के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलेगा और वे रामलीला के प्रति उत्सुक होंगे। छह माह के प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत रामलीला के उत्तर भारतीय विशेषज्ञ ऑनलाइन प्रशिक्षण देंगे। इस कोर्स को नाम दिया गया है, मास्टर आर्टिस्ट कोर्स। योजना के अगले चरण में अमेरिका, कनाडा, दक्षिण अमेरिका, कैरेबियाई देशों और मॉरीशस जैसे देशों पर ध्यान केंद्रित किया जाना है। इन देशों में रामलीला का प्रचलन पूर्व से ही है और ऑनलाइन कोर्स से इस जुड़ाव के और पुख्ता होने की संभावना है। शोध संस्थान के निदेशक डॉ. वाईपी ङ्क्षसह के अनुसार संस्कृति विभाग की ओर से होने वाले समारोहों में इस ऑनलाइन कोर्स के सर्टिफिकेट होल्डर को प्राथमिकता दी जाएगी और इस सबके पीछे मंशा रामलीला को कहीं अधिक संगठित और सार्थक-सारगर्भित बनाया जाना है। डॉ. ङ्क्षसह का कहना है कि छह माह के इस कोर्स में सप्ताह के दो दिन ऑनलाइन वेवीनार कांफ्रेंस किया जाएगा, जिसमें छात्रों को रामलीला के विविध आयामों की जानकारी वीडियो और फिल्म के जरिए दी जाएगी।
इस दौरान उनमें अभिनय, संवाद लेखन, संवाद अदायगी, मंच सज्जा आदि की प्रतिभा तराशने और सामने लाए जाने की कोशिश होगी। गोरखपुर के रंगमंच के कलाकार मानवेंद्र त्रिपाठी इस कोर्स के मुख्य प्रशिक्षक हैं।