Move to Jagran APP

साइबर क्राइम सेल ने वापस दिलाई ठगी की रकम, बिना ओटीपी के खाते से निकाले थे रुपये

जाच में पता चला कि रुपये पेटीएम में किए गए ट्रासफर। कंपनी को मेल के जरिए भेजी गई सूचना। बिना ओटीपी आए रुपये निकली रकम।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Jun 2018 10:23 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jun 2018 10:23 AM (IST)
साइबर क्राइम सेल ने वापस दिलाई ठगी की रकम, बिना ओटीपी के खाते से निकाले थे रुपये
साइबर क्राइम सेल ने वापस दिलाई ठगी की रकम, बिना ओटीपी के खाते से निकाले थे रुपये

लखनऊ[जागरण संवाददाता]। साइबर क्राइम सेल ने एक और पीड़ित को ठगी की रकम वापस दिलाने में सफलता पाई है। वृंदावन योजना सेक्टर छह निवासी पवित्र चंद्र के खाते से ठगों ने तीन जून को नौ हजार नौ सौ रुपये निकाल लिए थे। पवित्र के फोन पर मैसेज आने के बाद उन्हें इसकी जानकारी हुई थी। पीड़ित ने बैंक में फोन कर एटीएम ब्लॉक कराया था। इसके बाद साइबर क्राइम सेल में शिकायत की थी। साइबर सेल के नोडल अधिकारी व सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र के मुताबिक, जाच में पता चला कि पवित्र चंद्र के रुपये पेटीएम में ट्रासफर किए गए हैं। इसके बाद संबंधित कंपनी को मेल के जरिए सूचना भेजी गई और रुपये वापस दिलाने की कार्रवाई शुरू हुई। पड़ताल के दौरान पीड़ित के रुपये वापस कराए गए हैं। उधर, पवित्र चंद्र ने गोमतीनगर के विवेक खंड स्थित आइसीआइसीआइ बैंक के खिलाफ थाने में शिकायत कर कार्रवाई की माग की है। पवित्र का कहना है कि एटीएम और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर उनके पास था। फिर भी बिना ओटीपी आए रुपये निकलना चौकाने वाला है। पीड़ित ने पुलिस से कार्रवाई की माग की है। फौरन करें शिकायत, वापस होगी रकम

loksabha election banner

साइबर सेल के नोडल अधिकारी का कहना है कि अगर किसी के खाते से रुपये निकलते हैं तो वह बिना देरी किए साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराए। दो से तीन घटे के भीतर शिकायत करने पर ठगी के रुपये वापस मिल सकते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों में कई लोगों की रकम वापस कराई गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.