Lockdown in Lucknow: प्याज खुद ही हालत पर बहा रहा आंसू, लॉकडाउन में ढीले तेवर पड़े
Lockdown in Lucknow फल व सब्जी में उतार-चढ़ाव बंदी से आपूर्ति और खपत में अंतर।
लखनऊ [राजीव बाजपेयी]। Lockdown in Lucknow: प्याज ऐसे ही खास नहीं है, शाकाहार हो या फिर नॉनवेज, इसके बगैर दोनों ही थाली बेस्वाद लगती है। कीमत बढ़ती है तो सरकारें ही हिलनें लगती हैं। तीन-चार महीने पहले तक कीमतों की ऊंचे नखरे के चलते थाली में गायब हुआ प्याज खुद ही हालत पर आंसू बहा रहा है। लॉकाडाउन ने उसकी अहमियत जमीं पर ला दी है। कारोबारियों को भी याद नहीं है कि हाल में इतना सस्ता प्याज का बिका था। शहर में कहीं-कहीं पर इसकी कीमत 10 रुपये से भी कम हो गई है। संभावना है कि अभी कीमतों में और कमी आएगी।
अप्रैल-मई में प्याज की खोदाई शुरू हो जाती है। कह सकते हैं कि फसल की पैदावार का सीजन रेट पर असर डालता है। लेकिन पिछले कुछ सालों में प्याज का रिकॉर्ड ऐसा नहीं रहा। सीजन में भी वह भाव खाता रहा। 25 से 30 रुपये तक बिका। इस दफा लॉकडाउन के चलते सब्जियों और फलों की सप्लाई भी प्रभावित हुई है, लेकिन हमेशा कीमतों के चलते लोगों को रुलाने वाला प्याज अब रसोई का स्वाद बढ़ा रहा है।
अभी और गिरेंगे दाम
शहर के बड़े कारोबारी मसूद का कहना है कि अगर लॉकडाउन जल्दी खुल भी गया तो इसकी कीमतों में कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है। दरअसल, मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़ रहा है। महाराष्ट्र से जो आ रहा है, उतना ही नहीं खप पा रहा है। ऐसे में लॉकडाउन के बाद जब पूरी सप्लाई आने लगेगी तो फिर कीमतों में और कमी संभव है। जिस तरह के हालात हैं, तीन-चार महीने तक खपत बढ़ाने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।