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Fake Teacher Case: बाराबंकी में शिक्षिका बर्खास्त, पति-पत्नी मिले फर्जी शिक्षक

बाराबंकी में वेतन रोकते ही फरार हो गए फर्जी शिक्षक। दस वर्ष से कर रहे थे फर्जी डिग्री पर नौकरी।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 03:44 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 03:44 PM (IST)
Fake Teacher Case: बाराबंकी में शिक्षिका बर्खास्त, पति-पत्नी मिले फर्जी शिक्षक
Fake Teacher Case: बाराबंकी में शिक्षिका बर्खास्त, पति-पत्नी मिले फर्जी शिक्षक

बाराबंकी, जेएनएन। जिले में फर्जी शिक्षकों के मिलने का सिलसिला थम नहीं रहा है। फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी कर रहे अब तक 15 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। मंगलवार को पैन कार्ड और जन्मतिथि मिलाने में पांच शिक्षक और एक कर्मचारी फर्जी डिग्री पर नौकरी करते हुए प्रकाश में आया था। बुधवार को तीन और शिक्षक फर्जी मिले हैं। इसमें एक तो पति-पत्नी है, जबकि एक शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया है।

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ये है पूरा मामला 

दरअसल, देवा ब्लॉक के रानीगंज प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक मौसमी सिंह फर्जी डिग्री पर लगभग दस वर्षों से नौकरी कर रही थी। इनके प्रपत्रों की जांच हुई तो योग्यता फर्जी मिली। इसको लेकर शिक्षिका को नोटिस देकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा गया, पर शिक्षिका भाग गई। बीएसए ने तत्काल वेतन पर प्रतिबंध लगाकर उसे बुधवार को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। इसके अलावा दो और शिक्षक की डिग्री फर्जी पाए गए हैं। इसमें एक शिक्षक प्रमोद सिंह बनीकोडर ब्लॉक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय ककराहा कार्यरत है। गोरखपुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने पत्र भेजकर जांच कराने के लिए कहा, यह भी बताया कि गोरखपुर में तैनात असली सहायक अध्यापक प्रमोद सिंह की डिग्री लेकर बाराबंकी में फर्जी तरीके से नौकरी कर रहा है। अब जिले के बीएसए वीपी सिंह ने प्रमोद सिंह का वेतन रोकर कार्यालय में प्रस्तुत होने की नोटिस दी है। बीएसए ने बताया कि यह शिक्षक भी फरार हो चुका है। जबकि इसकी पत्नी विकास खंड बंकी के पूर्व माध्यमिक विद्यालय गदिया में तैनात अर्चना पांडे हैं, इसकी भी डिग्री संदिग्ध है, मूल प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है। 

दूसरी की डिग्री पर कर रहे थे नौकरी

शासन स्तर पर जांच हुई जिसमें पैनकार्ड और जन्मतिथि मिलान पर यूपी में 192 शिक्षक फर्जी पाए गए हैं। जिसमें पांच शिक्षक और एक कर्मचारी बाराबंकी के हैं। देवा के पूर्व माध्यमिक विद्यालय खेवली में तैनात प्रधानाध्यापिका लीलावती ने महाराजगंज की शिक्षिका लीलावती की डिग्री पर नौकरी कर रही है। रामनगर के प्राथमिक विद्यालय अशोकपुर में शिक्षिका मधुलिका पाठक अयोध्या की शिक्षिका मृणालानी की डिग्री पर शिक्षिका थी। सूरतगंज पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक रामकिशुन बहराइच जिले के रामकिशुन की डिग्री पर नौकरी कर रहा था। हैदरगढ़ की स्वाती सीतापुर की प्रधानाध्यापिका स्वाती की डिग्री पर नौकरी पाई थी। इसी तरह से पूरेडलई के शिक्षिका स्नेहलता आजमगढ़ की शिक्षिका असली स्नेहलता की डिग्री, फतेहपुर के इसरौली का चपरासी कृष्णपाल ने गाजीपुर के शिक्षक कृष्णपाल की डिग्री लगाकर नौकरी की थी। सभी का वेतन रोकर जांच की जा रही है।  

शिक्षक फर्जीवाड़े की जांच करेंगे 18 सदस्यीय टीम

जिले में शिक्षक फर्जीवाड़े की जांच को लेकर शासन से 18 सदस्यीय टीम गठित हुई थी। इसमें सचिव अयोध्या मंडल के सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा को बनाया गया था। अब शासन स्तर पर जांच में टीम में बदलाव किया गया है। जांच शुरू होने से पहले ही एडीबेसिक को हटाकर बीएसए को सचिव नामित कर दिया गया है।

शिक्षक फर्जीवाड़े की जांच शुरू हो चुकी है। शासन से ही पुलिस और शिक्षा व प्रशासनिक विभाग के अफसर नामित किए गए हैं। इसमें सचिव अयोध्या मंडल के सहायक निदेशक को बनाया गया था, लेकिन इन्हें हटाकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह को नामित कर दिया है। साथ ही अपर जिलाधिकारी संदीप गुप्ता, अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार पांडेय सहित जिले के 15 विकास खंडों में तैनात 15 खंड शिक्षा अधिकारी जांच टीम में हैं। यह टीम सभी शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच करेंगे। यहां जांच शिक्षक के मूल निवास तक होगी। बीएसए ने बताया कि जांच टीम नामित हो चुकी है, इसकी जांच शुरू करने से पहले सभी खंड विकास अधिकारियों से सूचनाएं मांगी गई है। सूचना आते ही उसी के आधार पर जांच की प्रक्रिया शुरू होगी।

क्या कहते हैं अधिकारी ?

बाराबंकी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह के मुताबिक, ‘बुधवार को शिक्षिका मौसमी सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है। जबकि दो और पति-पत्नी की डिग्री संदिग्ध है, वेतन रोकर जांच की जा रही है। यह शिक्षक भी फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी कर रहे थे। ’  


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