Kamlesh Tiwari Murder Case : कमलेश के हत्यारोपितों को यूसुफ ने दिया था पिस्टल, कानपुर में खुला ये राज
कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में हत्यारोपितों को पिस्टल देने वाले यूसुफ को कानपुर से गिरफ्तार कर लिया गया है। अब तक मामले में एक दर्जन आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
लखनऊ, जेएनएन। हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की लखनऊ में हत्या के मामले में एक और अहम गिरफ्तारी हुई तो उसमें गुजरात एटीएस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पुलिस ने आखिरकार कमलेश के हत्यारों को पिस्टल देने वाले यूसुफ खान को भी गिरफ्तार कर लिया है। यूपी व गुजरात एटीएस की संयुक्त टीम ने यूसुफ की गिरफ्तारी कानपुर से की है। इसके पास से दो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं, उसकी फोरेंसिक जांच करवाई जाएगी और कॉल डिटेल के आधार पर आगे कार्रवाई होगी। टीम उससे पूछताछ कर रही है। वहीं, अभी तक करीब एक दर्जन आरोपी अब तक इस मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के मुख्य आरोपी अशफाक और मोईनुद्दीन उर्फ फरीद पठान को अभियुक्त यूसुफ खान (24) ने पिस्टल दिया था। यूपी व गुजरात एटीएस की टीम ने शुक्रवार की शाम छह बजे कानपुर स्थित घंटाघर क्षेत्र से यूसुफ को गिरफ्तार किया है। यह क्षेत्र थाना हरबंश मोहाल में आता है। गिरफ्तार किया गया यूसुफ खान फतेहपुर के हथगांव थानाक्षेत्र में स्थित रायपुर मुवारी का रहने वाला है। पुलिस यूसुफ खान से पूछताछ में लगी है। इसके पास से बरामद हुए मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच होगी। कॉल डिटेल भी इसकी खंगाली जा रही है।
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31 को हुई थी एक और अहम गिरफ्तारी
बता दें, 31 अक्टूबर को कमलेश तिवारी हत्या मामले में बरेली एटीएस ने कमलेश तिवारी के हत्यारोपित के मददगार वकील नावेद के तीसरे साथी कामरान को गिरफ्तार किया था। कामरान ने हत्यारोपितों को नेपाल पहुंचाने में मदद की थी। कामरान कमलेश तिवारी के हत्यारोपितों की मदद करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के वकील नावेद का बेहद करीबी है। कामरान और नावेद ने ही अपनी कार से दोनों हत्यारोपितों को नेपाल तक पहुंचाया था। हत्यारोपितों की मदद करने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के वकील नावेद के दो साथियों रईस और आसिफ को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। रईस व आसिफ ने दोनों हत्यारोपितों को शाहजहांपुर में मदद पहुंचाई थी। बताया जा रहा है कि बरेली से गिरफ्तार कामरान ने ही अशफाक का मोबाइल ट्रेन में रखा था। इस तरह से चलती ट्रेन में अशफाक के मोबाइल की लोकेशन से उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम भ्रमित हुई थी। यह मोबाइल अंबाला में ऑन हुआ तो जांच में लगी पुलिस को लगा कि दोनों हत्यारोपित पंजाब पहुंच गए हैं। कमलेश तिवारी के हत्यारों के मददगारों की लगातार गिरफ्तारी चल रही है। क्राइम टीम के साथ ही एसटीएफ व एटीएस लगातार सक्रिय है।
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वहीं, पुलिस मामले में गिरफ्तार हत्या के आरोपी शेख अशफाक हुसैन और पठान मोइनुद्दीन अहमद से पूछताछ कर चुकी है। बीते हफ्ते ही दोनों को गुजरात से ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया गया था। पिछले हफ्ते ही बरेली के दरगाह आला हजरत के मौलाना सैय्यद कैफी अली की गिरफ्तारी के बाद लॉ स्टूडेंट और पेशे से वकील मोहम्मद नावेद को यूपी पुलिस और एटीएस ने लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था।
बयानों की हुई थी क्रॉस चेकिंग
हत्या के इन दोनों आरोपियों से बरेली से गिरफ्तार नावेद का सामना कराया गया। इस दौरान हत्यारोपियों और नावेद के बयानों को क्रॉस चेक भी किया गया। नावेद पर हत्यारोपियों को नेपाल पहुंचाने का आरोप है। उस पर नागपुर से आसिम की गिरफ्तारी के बाद इन दोनों को नेपाल से शाहजहांपुर लाने का आरोप है।
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नावेद व मौलाना ने दी थी कमलेश के हत्यारों को पनाह
नावेद व मौलाना दोनों पर ही हत्या के आरोपी शेख अशफाक हुसैन और पठान मोईनुद्दीन अहमद को पनाह देने व इलाज करवाने में मदद का आरोप है। आरोप है कि कमलेश तिवारी की हत्या के बाद फरार हुए दोनों आरोपियों को मौलाना कैफी की ओर से मदद मुहैया कराई गई। मदद के तहत कैफी ने दोनों को शरण भी दी। नावेद पर आरोप है कि उसने मौलाना कैफी के निर्देश पर दोनों को बरेली में रुकवाया उसके बाद नेपाल बॉर्डर तक पहुंचने में मदद की थी। पूछताछ के दौरान ही कामरान का नाम सामने आया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया है। पता चला है कि हत्या आरोपियों को कामरान ही नेपाल लेकर गया था।
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होटल मालिक को तलाश रही है पुलिस
दोनों हत्यारोपित बरेली के ही एक होटल में रुके थे। वहां ठहराने का इंतजाम भी नावेद ने कराया था। पुलिस का कहना है कि आरोपित मलूकपुर के कादिरी होटल में रुके थे। होटल में नीचे रेस्टोरेंट और ऊपर ठहरने की व्यवस्था है। मददगार के तौर पर होटल मालिक का नाम भी लिया जा रहा। पुलिस उसे तलाश कर रही।
अशफाक के परिवार के लोगों को दो वर्ष पहले ही पता थी योजना
हिंदू समाज पार्टी के कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में पता चला है कि हत्या के एक आरोपी अशफाक के परिवारवालों को 2017 से ही इस हत्याकांड की भनक थी। अशफाक ने 2017 में ही कमलेश की हत्या का पूरा प्लान बना लिया थ। तब यह मामला इसलिए रुक गया, क्योंकि अशफाक की पत्नी और परिवारवालों को इस बात की खबर लग गई थी। अशफाक तब ही एक युवक के साथ हत्या के लिए लखनऊ के लिए आने वाला था। मगर पत्नी ने कसमें खिलाकर उसे शांत करवा दिया था।
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18 अक्टूबर को हुई थी दर्दनाक हत्या
लखनऊ के खुर्शेदबाग इलाके में हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की 18 अक्टूबर को हत्या कर दी गई थी। इस मामले में गुजरात एटीएस ने तीन लोगों मौलाना मोहसिन शेख सलीम, रशीद अहमद पठान और फैजान को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में हत्या करने वालों के नाम सूरत के ही रहने वाले अशफाक और मोइनुद्दीन के नाम सामने आए थे। गुजरात एटीएस ने 22 अक्टूबर को दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। अशफाक ने 2016 से ही कमलेश की हत्या की साजिश रचना शुरू कर दी थी। उसने सूरत के ही रहने वाले युवक मुदस्सिर को कमलेश की हत्या के लिए तैयार कर लिया था। दोनों कमलेश की हत्या के लिए 2017 में लखनऊ आने वाले थे, लेकिन अशफाक की पत्नी को इस बारे में पता चल गया था। 2017 में अशफाक पीलीभीत में अपने गांव गया। यहीं से लौटते वक्त वह लखनऊ होते हुए गया था, लेकिन उसने कमलेश से मिलने का प्रयास नहीं किया।