तकनीकी खामी से पेट्रोलपंप कर्मी के खाते में पहुंचे थे एक करोड़, 110 ट्रांजेक्शन में किए 76 लाख खर्च
लखनऊ में सेंट्रल बैंक की बंथरा शाखा से जुड़े चर्चित 76 लाखी की खरीदारी मामले में बैंक की आंतरिक जांच टीम ने राजफाश किया है। बैंक की कारपाेरेट आफिस स्तर पर जांच कर रही टीम ने इसे तकनीकी एरर मानते हुए उसे दुरुस्त कर लिया है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ में सेंट्रल बैंक की बंथरा शाखा से जुड़े चर्चित 76 लाखी की खरीदारी मामले में बैंक की आंतरिक जांच टीम ने राजफाश किया है। बैंक की कारपाेरेट आफिस स्तर पर जांच कर रही टीम ने इसे तकनीकी एरर मानते हुए उसे दुरुस्त कर लिया है। बैंक का कहना है कि ट्रांजेक्शन सिस्टम में किए गए बदलाव के बाद, बैंक द्वारा की जा रही निगरानी के दौरान ही प्रकरण पकड़ में आया है। ग्राहक द्वारा किए गए ट्रांजेक्शन का ब्योरा पुलिस को सौंपा है।
बैंक के डीजीएम एटीएम कारपोरेट आफिस मुंबई राजेश कुमार ने बताया कि बैंकिंग ट्रांजेक्शन सिस्टम में कुछ बदलाव लाने की दिशा में कुछ तकनीकि प्रयोग किए गए थे। इसी क्रम में स्विच की प्रोग्रामिंग में बदलाव किया गया। इस व्यवस्था के दौरान बैंक अपने सभी ट्रांजेक्शन की गंभीरता से निगरानी करता है, ताकि किए गए बदलाव के परिणामों को परखा जा सके। इसी क्रम में यह पाया गया कि पेट्रोलपंप कर्मी करन द्वारा डेबिट कार्ड के इस्तेमाल के दौरान स्विच (ट्रांजेक्शन को यस और नो मोड देने वाला) द्वारा प्रोग्रामिंग सेंस करने में एरर आ गई। जिसके चलते ट्रांजेक्शन को इजाजत मिल गई, फिर खाताधारक उसका बेजा इस्तेमाल करता चला गया। उन्होंने बताया कि खाताधारक द्वारा करीब 110 ट्रांजेक्शन किए गए।
बता दें कि बैंक की बंथरा शाखा के खाता धारक पेट्रोल पंप कर्मी करन शर्मा के खाते में 1983 रुपये ही थे। बावजूद इसके करन ने अपने डेबिट कार्ड से 76 लाख रुपये की खरीदारी कर डाली। इस बात की जानकारी होते हुए भी कि उसके खाते में दो हजार से भी कम रकम है, इस बात की परवाह किए बिना और बैंक को जानकारी दिए बिना करन शापिंग करता रहा। बैंक अधिकारियों के मुताबिक करन ने करीब 110 ट्राजेंक्शन किए। मामला बैंक के स्वत: संज्ञान में आने के बाद कार्रवाई शुरू हुई।