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कॉल सेंटर के जरिए खातों में सेंधमारी-एक गिरफ्तार; दो साल में 50 लाख रुपये ऐसे किए पार

झारखंड के जामताड़ा से संचालित हो रहा है गिरोह साइबर सेल ने दबोचा। प्रशिक्षण देने के लिए दो दिन का एक लाख रुपये लेता है गिरोह।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 09:24 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 07:39 AM (IST)
कॉल सेंटर के जरिए खातों में सेंधमारी-एक गिरफ्तार; दो साल में 50 लाख रुपये ऐसे किए पार
कॉल सेंटर के जरिए खातों में सेंधमारी-एक गिरफ्तार; दो साल में 50 लाख रुपये ऐसे किए पार

लखनऊ, जेएनएन। झारखंड के जामताड़ा में कॉल सेंटर के जरिये लोगों के खातों में सेंधमारी करने के आरोप में साइबर सेल ने एक आरोपित को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपित मूलरूप से झारखंड के झिलुवा नरायनपुर, जामताड़ा निवासी प्रद्युम्न मंडल नौवीं पास है। प्रद्युम्न ने सरोजनीनगर निवासी एक शख्स के खाते से 49,400 रुपये पार कर दिए थे। इस मामले में साइबर सेल में शिकायत की गई थी और सरोजनीनगर थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई थी।

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पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो पता चला कि ठगी की रकम फ्यूचर पे वॉलेट में ट्रांसफर की गई है और बिग बाजार से दो टीवी के ऑर्डर दिए गए हैं। साइबर सेल की टीम ने दिल्ली में जाकर पड़ताल की तो हिमांशु नाम के युवक की आइडी पर टीवी की डिलीवरी हुई थी। पुलिस ने हिमांशु को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने प्रद्युम्न मंडल का नाम बताया। इसके बाद पुलिस टीम ने जामताड़ा में दबिश दी तो कई चौकाने वाले राज सामने आए। पुलिस ने ठगी की रकम से खरीदी गई एक टीवी बरामद कर आरोपित को दबोच लिया। 

खुलेआम चल रहा ठगी का रैकेट

जामताड़ा में ठगी का रैकेट खुलेआम संचालित हो रहा है। वहां युवकों को ठगी करने के तरीकों की ट्रेनिंग तक दी जा रही है। इसके एवज में ठग दो दिन का प्रशिक्षण देने के लिए 50 हजार से एक लाख रुपये तक लेते हैं। ट्रेनिंग देने के बाद उन्हें कॉल सेंटर में नौकरी पर भी रख लिया जाता है।

जालसाजी के रुपयों से अय्याशी 

प्रद्युम्न ने पूछताछ में बताया है कि जालसाजी के रुपयों से अय्याशी करता था। आरोपित के फोन में भी इसके कई साक्ष्य मिले हैं। मोटी रकम हड़पने के बाद आरोपित दिल्ली, कोलकाता, सिलीगुड़ी समेत अन्य शहरों में घूमने जाता था। पुलिस के मुताबिक दो साल में आरोपित ने गिरोह के साथ मिलकर करीब 50 लाख रुपये हड़पने की बात कबूल की है।

ऐसे करता था खेल

कॉल सेंटर से फोन कर ठग खुद को बैंककर्मी बताते हैं और एटीएम की जानकारी लेकर खातों में सेंध लगा देते हैं। खातों से ऑनलाइन रुपयों का स्थानांतरण फ्यूचर-पे व अन्य वॉलेट में करते हैं। इसके बाद वॉलेट से बिग बाजार व अन्य शोरूम से ऑनलाइन शॉपिंग कर अलग-अलग शहरों में डिलीवरी कराते हैं। खरीदे गए सामान को कम दाम में बेचकर रुपये प्राप्त कर लेते हैं। इसके बाद एक आरोपित रकम लेकर जामताड़ा में सरगना को सौंप देता है। सभी आरोपितों का कमीशन उन्हें दे दिया जाता है। 


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