अोमप्रकाश राजभर ने की अमर सिंह को अाजमगढ़ से प्रत्याशी बनाने की पेशकश
ओमप्रकाश राजभर के तेवरों में कुछ नरमी जरूर आयी है। इस बीच राजभर ने कहा है कि अगर आजमगढ़ सीट मेरे खाते में आती है तो अमर सिंह हमारे उम्मीदवार होंगे।
लखनऊ (जेएनएन)। योगी सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर अक्सर अपनी ही सरकार के लिए मुसीबत खड़ी करते रहे हैं लेकिन, इधर उनके तेवर में कुछ नरमी जरूर आयी है। इस बीच राजभर ने कहा है कि अगर आजमगढ़ सीट मेरे खाते में आती है तो अमर सिंह हमारे उम्मीदवार होंगे। राजभर ने यह बात तब कही जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में प्रसंगवश सामने बैठे अमर सिंह का नाम ले लिया। सवाल उठना लाजिमी है कि अमर सिंह की सत्ता में साझेदारी के लिए कहीं राजभर तो सीढ़ी नहीं बन रहे हैं?
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से अमर सिंह की निकटता कबसे बढ़ी, यह बहुत जगजाहिर नहीं है। 22 जून को जब ओमप्रकाश राजभर के पुत्र और सुभासपा महासचिव अरविंद राजभर की शादी के दौरान अमर सिंह नवदंपती को आशीर्वाद देने पहुंचे तब भी इसे एक सामान्य शिष्टाचार ही माना गया पर, इस मौके पर भी अमर सिंह राजभर को यह नसीहत देना नहीं भूले कि घर का झगड़ा बाहर न जाए।
यानि एक बात साफ है कि अमर सिंह नहीं चाहते कि सुभासपा और भाजपा के बीच तल्खी रहे। वैसे अमर सिंह लोकसभा में पहुंचने की चाहत रखते हैं। 2014 के चुनाव में उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल से फतेहपुर सीकरी क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमाई लेकिन, मोदी लहर में उनका तिलिस्म काम न आया।
आजमगढ़ में मोदी की रैली से बढ़ी उम्मीद
अमर सिंह का राज्यसभा का कार्यकाल यूं तो 2022 तक है लेकिन, आजमगढ़ में मोदी की रैली की सफलता के बाद सुभासपा इस सीट को उनके लिए मुफीद समझने लगी है। वैसे भी सपा संस्थापक और आजमगढ़ के सांसद मुलायम सिंह यादव ने इस बार वहां से चुनाव न लडऩे का एलान कर दिया है। इसका भी व्यापक असर हो सकता है और आजमगढ़ के मूल निवासी अमर सिंह अपने पक्ष में कुछ करिश्मा कर सकते हैं। यद्यपि भाजपा वहां बन रहे माहौल को अपने पक्ष में करने की पहल करेगी।
भाजपा में आजमगढ़ के लिए कम दावेदार नहीं हैं। और अभी तय नहीं है कि निकट भविष्य में राजभर की पार्टी से भाजपा का रिश्ता कैसा रहेगा लेकिन, मिशन 2019 में एक बार फिर सबका साथ-सबका विकास के नारे की वजह से यह अनुमान जरूर लग रहा है कि अमर सिंह भाजपा के गठबंधन वाले दल के जरिये कोई नया गुल खिला सकते हैं।