मुख्यमंत्री जी! अफसरों ने आपको नहीं दिखाई पुलिस लाइन की बदहाली
बदबूदार नाली और गंदगी की भरमार नहीं देख पाए सीएम। जर्जर भवनों में रह रहे पुलिस परिवार से बात तक नहीं करने दी।
लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पुलिस लाइन में औचक निरीक्षण से पुलिस अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। इतना ही नहीं पुलिस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को वहां की बदहाली नहीं दिखाई। बहरहाल, मुख्यमंत्री के निरीक्षण के बाद से लाइन में साफ सफाई का काम शुरू हो गया है।
सीएम के वापस जाने के बाद दैनिक जागरण ने पुलिस लाइन में रहने वाले पुलिसकर्मियों के परिवारीजन से बात की। इस दौरान कमरा नंबर 483 में रहने वाली आशा देवी टूटी पाइप लाइन की मरम्मत करवाती दिखीं। आशा ने बदहाली का जिक्र करते हुए कहा कि मकान जर्जर हालत में है। बारिश के मौसम में छत से पानी टपकता है। बोलीं, अगर मुख्यमंत्री से बात करने का मौका मिला होता तो वही नहीं बल्कि तमाम महिलाएं अपनी समस्या रखती और उसके निस्तारण कराने की मांग करतीं। पूरे पुलिस लाइन परिसर में गंदगी की भरमार है। सीएम के जाने के बाद यहां गंदगी और घास कटवाए जा रहें हैं।
खुद करते हैं साफ सफाई
फॉलोअर श्याम सिंह ने बताया कि उनके मकान की छत जर्जर है। बारिश का पानी छत से टपक कर घर में भर जाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आने के बाद बेहतरी की उम्मीदें जगी हैं।
बैरक नंबर तीन के पास सांस लेना भी दूभर
निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने पैदल ही पुलिस लाइन का भ्रमण किया। इस दौरान निर्माणाधीन बैरक दिखाए गए, लेकिन उसके पीछे बैरक नंबर तीन की बदहाली किसी ने सीएम को नहीं दिखाई। बैरक नंबर तीन के पास गंदगी से भरी बजबजाती नालियों से उठते दुर्गंध के कारण मुख्यमंत्री को उस ओर ले जाना किसी ने मुनासिब नहीं समझा। दुर्गंध और गंदगी के बीच बैरक में पुलिसकर्मी रहने को मजबूर हैं, लेकिन अफसरों ने आंखे मूंद रखी है।