पति-पत्नी दोनों को दिया पीएम आवास का लाभ, अब शुरू हुई रिकवरी
सरकारी योजनाओं में घपला : पहली किश्त भी जारी कर दी गई थी, डूडा के साथ ही नगराम पंचायत के अधिकारियों और निजी संस्था पर जांच का घेरा।
लखनऊ, ( अजय श्रीवास्तव)। सरकारी योजनाओं के बजट में घपला करने में अफसर कभी मरे को जिंदा बना देते हैं तो कभी सरकारी जमीन पर ही लाभार्थी को योजना का पैसा दे देते हैं। सारा खेल लिपिक से लेकर अधिकारी ही करते हैं। ऐसे ही एक मामले में डूडा से लेकर नगर पंचायत नगराम तक के अधिकारी फंस गए हैं। अधिकारियों ने प्रधानमंत्री आवास योजना में सोलह पति पत्नियों को पात्र बता दिया और उन्हें आवास बनाने का पैसा भी दे दिया। सरकारी आदेश के विपरीत दिए गए इस लाभ की जांच कराई गई तो बड़े अफसरों के कान भी खड़े हो गए। उच्च स्तरीय जांच में पाया गया कि जिन 32 लोगों को पीएम आवास योजना का लाभ दिया गया था, वह पति-पत्नी हैं, जबकि किसी एक को ही यह लाभ मिल सकता था।
इन सभी पति-पत्नियों को आवास बनाने के लिए पचास-पचास हजार रुपए की पहली किश्तें भी जारी कर दी गई थीं तो कुछ ने इसे खर्च भी कर दिया था। इसमें दो से ही पैसा वापस हो पाया है। घपले से जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) और नगराम नगर पंचायत के अधिकारी अपना-अपना बचाव करने में लगे हुए हैं। नगराम नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी ने तो दो दिन पूर्व नगर आयुक्त को पत्र लिखकर डूडा के कर्मचारियों पर कार्रवाई की सिफारिश तक कर दी है।
नगर पंचायत नगराम में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत डूडा ने चयनित आजीविका मिशन संस्था ने लाभार्थियों का चयन करते हुए जियो टैंगिंग कराया था। इसमे 771 पात्र लाभार्थियों की सूची तैयार की गई थी। यह सूची भी नगर पंचायत नगराम के वरिष्ठ लिपिक सुनील श्रीवास्तव ने ही तैयार की थी, जिसे निलंबित कर दिया गया था। अब मामला फंसा तो सोलह पति पत्नियों को रिकवरी का नोटिस जारी किया गया, जबकि सर्वे करने वाली संस्था और संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
क्या कहत हैं अधिकारी
नगर पंचायत नगराम के अधिशासी अधिकारी आदित्य प्रकाश ने बताया कि जांच में पाया गया कि डूडा द्वारा सर्वे करने वाली संस्था ने भी चयन में गड़बड़ी की थी और नगराम नगर पंचायत के वरिष्ठ लिपिक सुनील कुमार श्रीवास्तव ने रिपोर्ट को आगे बढ़ाया था। उसे निलंबित कर दिया गया था। कई पति पत्नी पैसा वापस करना चाहते हैं। उन्होंने दो दिन पहले ही नगर आयुक्त को जानकारी दी है, क्योंकि पैसा डूडा के बैंक खाते में जमा होगा। डूडा के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए नगर आयुक्त को पत्र लिखा गया है। परियोजना अधिकारी डूडा निधि वाजपेयी ने बताया कि दो लाभार्थियों ने पीएम आवास बनाने के लिए ली गई रकम को वापस कर दिया है। जांच चल रही है कि गड़बड़ी किस स्तर से हुई थी