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बसों में एंटी कोलेजन डिवाइस लगाना भूल गए ज‍िम्‍मेदार, जान‍िए क्‍या है खासियत Lucknow News

एक जनवरी को छह बसों में एंटी कोलेजन का हुआ था सफल प्रयोग। एक स्थिति में चालक के रहने पर तुरंत आगाह कर देती है डिवाइस। बाकी बाकी बसों में लगाना भूले जिम्मेदार।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 02:22 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 02:22 PM (IST)
बसों में एंटी कोलेजन डिवाइस लगाना भूल गए ज‍िम्‍मेदार, जान‍िए क्‍या है खासियत Lucknow News
बसों में एंटी कोलेजन डिवाइस लगाना भूल गए ज‍िम्‍मेदार, जान‍िए क्‍या है खासियत Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। यमुना एक्सप्रेस वे पर जनरथ के चालक को 'मौत की झपकी' न आती, अगर समय रहते जिम्मेदार जाग जाते। वो इसलिए क्योंकि करीब तीन साल पहले लंबी दूरी की सभी बसों में चालकों को जगाए रखने वाली वाली एंटी कोलेजन डिवाइस लगाने की योजना थी, जो आज तक सिरे न चढ़ सकी। प्रदेश की महज छह बसों में यह डिवाइस लगाकर अफसर खुद सो गए। यह देखने तक की जहमत नहीं उठाई कि डिवाइस के नतीजे कैसे आए। इसका कितना फायदा यात्रियों की जान बचाने के लिए होता।

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मानवीय चूक से होने वाली जनहानि बचाने के लिए वर्ष 2016 में सबसे पहले गाजियाबाद क्षेत्र की दो बसों में इस डिवाइस का प्रयोग हुआ। प्रारंभिक ट्रायल सफल रहा, लेकिन डिवाइस लगाने की योजना दो बसों से आगे नहीं बढ़ी। हालांकि, इस साल 16 जनवरी को परिवहन निगम के लखनऊ क्षेत्र ने एंटी कोलेजन डिवाइस (फ्रंट कोलीजन एवायडेंस सिस्टम) का ट्रायल चार एसी जनरथ में फिर किया गया। यह भी सफल रहा। तत्कालीन प्रबंध निदेशक से सराहना भी मिली। बावजूद इसके डिवाइस बाकी बसों में लगाने की प्रक्रिया आगे फिर नहीं बढ़ पाई।

ऐसे नींद से बचाती डिवाइस
बस में दो डिवाइस लगाई जाती हैं, जो सेंसर पर काम करती हैं। एक ड्राइवर के सामने और एक बायीं ओर। अगर चालक तीन से पांच मिनट तक एक ही पोजीशन में बैठा रहता है और स्टेयर‍िंंग में मूवमेंट नहीं दिखता है तो सेंसर लाइट जलाकर आगाह करने लगता है। इस पर भी अगर चालक का मूवमेंट नहीं बदलने पर उसके कुछ सेकेंड बाद सेंसर आवाज करते हुए बस खुद व खुद रोक देगा। ऐसा डीजल की सप्लाई बंद होने से होता है। इसके अलावा ओवरटेक करने के दौरान अगर पर्याप्त जगह नहीं है तो भी यह डिवाइस बस को हादसे से पहले ही रोक देगी। मार्ग पर गाड़ी (मेटॉलिक ऑब्जेक्ट) खड़ी है तो चेताने के साथ ही समय से पहले उसमें ब्रेक लग जाएगा। 

इन बसों में लगी थी डिवाइस 
ड्राइवरों को नींद से अलर्ट करने वाली डिवाइस चार बसों में 16 जनवरी को ही लगा दी गई थी। यूपी 14, एफएन-7524, यूपी 14, एफएन-7525, यूपी 14, एफएन-7517, यूपी 14, एफएन-7523। 
 
मुख्य प्रधान प्रबंधक जयदीप वर्मा ने बताया क‍ि एंटी कोलीजन डिवाइस के महंगी और एजेंसी से अनुमोदित न होने की वजह से मंथन चल रहा है। अब जल्द ही उच्‍चाधिकारियों की देखरेख में एजेंसी इसका प्रस्तुतीकरण देगी। रात्रिकालीन लंबी दूरी वाली सेवाओं में इसे लगाए जाने पर विचार किया जा सकता है।

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