पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ओडिशा के तितली तूफान का झटका, जनजीवन अस्त-व्यस्त
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गुरुवार को अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। दिन में तेज हवाओं बाद आंधी-तूफान आया। बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई।
लखनऊ (जेएनएन)। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गुरुवार को अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। दिन में ठंडी तेज हवाओं बाद कई जिलों में आंधी-तूफान आया। बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। इससे ठंडी का अहसास हुआ। इस दौरान अलग-अलग हादसों में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए। कृषि विज्ञान केंद्र बिजनौर के मौसम बेधशाला के प्रेक्षक आरके शर्मा का कहना है कि गुरुवार को मौसम का अचानक बदलना और तूफान आना ओडिशा में आए तूफान तितली का असर है। इसका असर सभी जगहों पर देखा गया है।
मुजफ्फरनगर में आंधी के साथ झमाझम बारिश हुई। ओले भी पड़े। तेज हवा में सड़क किनारे होर्डिंग्स उखड़ गए, पेड़ टूटकर गिर गए। धान और गन्ने की फसलें जमीन पर लेट गईं। मीरापुर में दो बाइकों पर सवार लोगों पर पेड़ गिर गया, जिसमें छात्रा समेत तीन लोग घायल हो गए, जबकि छात्रा के पिता की मौत हो गई। मोरना में ओले गिरे, दो लोग घायल हो गए। ककराला गांव में बारिश में मकान गिर गया। बिजनौर, मेरठ, सहारनपुर में तेज बारिश हुई। सहारनपुर में ओलावृष्टि भी हुई। ओडिशा से चला चक्रवर्ती तूफान असर बिजनौर में पड़ा है। जिले में 60 से लेकर 75 किमी रफ्तार से आंधी चली। बारिश, आंधी व ओलावृष्टि हुई। आंधी से पेड़ उखड़कर सड़कों पर गिर, वहीं धान की फसलें तबाह हो गई।
बिजनौर में मेरठ-पौड़ी हाईवे पर दो स्थानों पर पेड़ टूटकर गिरने से करीब चार घंटे जाम लगा रहा। किरतपुर में मकान में बिजली गिरने से दरार आ गई। शामली व बागपत में ठंडी हवाएं चलती रहीं। बुलंदशहर में बूंदाबांदी हुई। मुरादाबाद में तेज हवा चलने के बाद आंधी आई। काली घटा छा गई। तेज हवाओ के साथ मूसलधार बारिश होने लगी। कई जगहों पर ओले भी गिरे, जिससे धान की सफल नष्ट हो गई। सम्भल, अमरोहा, रामपुर में यही स्थिति रही। बरेली तेज हवाओं के साथ दो घंटे तक जमकर बरसात हुई। इससे पारा गिर गया। धान की फसल गिर गई। पीलीभीत, शाहजहांपुर और बदायूं में भी यही हाल रहा।